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Namaskar Benefits: नमस्कार करने से मिलते हैं इतने लाभ, जानकर रह जाएंगे हैरान

हिंदू संस्कृति में दोनों हाथों को आपस में जोड़कर नमस्कार की मुद्रा में एक-दूसरे को संबोधित किया जाता है। इस प्रकार किसी को प्रणाम करने का शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है। इतना ही नहीं स्वास्थ्य की दृष्टि से भी नमस्कार करने के कई फायदे देखने को मिलते हैं। तो चलिए जानते हैं नमस्कार का क्या महत्व है और इससे क्या लाभ मिलते हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Published: Tue, 30 Apr 2024 11:31 AM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2024 11:31 AM (IST)
Namaste Benefits नमस्कार करने से मिलते हैं कई लाभ।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Namaskar Benefits in Hindi: हिन्दू धर्म में किसी से मिलते या विदा लेते समय एक-दूसरे को सम्मान देने के लिए हाथ जोड़कर नमस्कार किया जाता है। नमस्ते के माध्यम से एक-दूसरे के प्रति विनम्रता भी प्रकट की जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इससे व्यक्ति को अपने जीवन में और क्या-क्या लाभ मिल सकते हैं।

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नमस्कार का आध्यात्मिक महत्व

हमारे शरीर को दो भागों में बांटा गया है, जिसमे दाएं भाग को इडा और बाएं भाग को पिंडली कहा जाता है। ऐसे में नमस्कार करते समय इडा और पिंगला नाड़ी आपस में मिल जाती है, जिससे शरीर में आध्यात्मिकता का भी विकास होता है। किसी को प्रणाम करने पर न सिर्फ आत्मीयता बढ़ती है बल्कि इससे आपके रिश्तों में भी मजबूती आती है।

क्योंकि ऐसा माना जाता है कि जब आप किसी व्यक्ति को हाथ जोड़कर नमस्कार करते हैं, तो सामने वाला व्यक्ति आपको ज्यादा समय के लिए याद रख पाता है। वहीं हमारे दोनों हाथों को आचार और विचार से जोड़ा जाता है। यहां आचार का अर्थ है धर्म और विचार का अर्थ है दर्शन। ऐसे में दोनों हाथों को आपस में जोड़कर नमस्कार करने का अर्थ है कि इससे आपके धर्म और दर्शन दोनों में संतुलन बना रहता है।

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वैज्ञानिक कारण

हाथ जोड़कर नमस्कार करने के पीछे वैज्ञानिक महत्व भी माना गया है। जिसके अनुसार, इससे हृदय चक्र और आज्ञा चक्र सक्रिय होता है और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी तेजी से होने लगता है। जिस कारण व्यक्ति को मानसिक शांति का अनुभव होता है। जब हम दोनों हाथ जोड़कर नमस्कार करते हैं, तो इससे हमारे शरीर में एक चेतना आती है, जिससे हमारी याददाश्त भी बढ़ती है। माना जाता है कि नमस्कार मुद्रा से क्रोध पर नियंत्रण करने की क्षमता भी बढ़ती है, जिससे व्यक्ति का स्वभाव और अधिक विनम्र हो जाता है।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

Picture Credit: Freepik


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