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Coronavirus in China: व्हिसिल ब्लोअर्स के लापता होने पर चुप क्यों है चीन, अब तक 5,100 से ज्यादा लोग गिरफ्तार

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का मानना है कि चीन यह सब सिर्फ इसलिए कर रहा है कि ताकि देश के 140 करोड़ लोगों को कोरोना के प्रकोप पर चर्चा करने से रोका जा सके।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 20 Apr 2020 07:23 PM (IST)Updated: Mon, 20 Apr 2020 07:23 PM (IST)
Coronavirus in China: व्हिसिल ब्लोअर्स के लापता होने पर चुप क्यों है चीन, अब तक 5,100 से ज्यादा लोग गिरफ्तार
Coronavirus in China: व्हिसिल ब्लोअर्स के लापता होने पर चुप क्यों है चीन, अब तक 5,100 से ज्यादा लोग गिरफ्तार

लंदन, एएनआइ। चीन कोरोना महामारी के खिलाफ बोलने वालों को ना केवल आतंकित कर रहा है बल्कि उन्हें देश का दुश्मन तक करार दिया जा रहा है। हद तो यह है कि कोरोना से मुक्त बताने वाले हेल्थ एप को लोगों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का मानना है कि चीन यह सब सिर्फ इसलिए कर रहा है कि ताकि देश के 140 करोड़ लोगों को कोरोना के प्रकोप पर चर्चा करने से रोका जा सके। ब्रिटेन के 'द डेली मेल' अखबार द्वारा इस संबंध में की गई पड़ताल से इसकी पुष्टि होती है।

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अखबार का कहना है कि कोरोना की जानकारी साझा करने को लेकर अब तक 5,100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सबसे पहली गाज 30 दिसंबर को वुहान सेंट्रल हॉस्पिटल में काम करने वाले डॉ वेनलियांग और सात अन्य डॉक्टरों पर पड़ी। डॉ वेनलियांग ने ही सबसे पहले सार्स जैसी बीमारी के पनपने का अंदेशा जताया था। यह जानकारी आम करने के लिए डॉ वेनलियाांग को ना केवल कम्युनिस्ट पार्टी की आलोचना का सामना करना पड़ा बल्कि पुलिस के सामने उन्हें सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के लिए माफी भी मांगनी पड़ी। काम पर लौटने के एक महीने बाद सात फरवरी को डॉ वेनलियांग की मौत हो गई। डॉक्टर की मौत पर चीन के लोगों ने जमकर आक्रोश जताया और हैशटैग वीवांटफ्रीडमऑफस्पीच को कुछ घंटों के अंदर ही लाखों लोगों का समर्थन मिला। इस तरह के आक्रोश से कुछ समय के लिए सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट नेता चिंतित जरूर हुए, लेकिन सोशल मीडिया पर लगाम कसकर उन्होंने इस आक्रोश को नियंत्रित कर लिया।

मरीजों की दुर्दशा का वीडियो बनाने वाले वकील भी हैं लापता

डॉ वेनलियांग की मौत के एक दिन पहले वुहान के अस्पतालों में कोरोना मरीजों की दुर्दशा पर एक वीडियो साझा करने वाले वकील चेन क्यूशी भी लापता हैं। इस वीडियो को यू-ट्यूब पर चार लाख बार देखा गया था। उनके परिवार को सिर्फ यह जानकारी दी गई कि उन्हें अज्ञात स्थान पर क्वारंटाइन में रखा गया है। चेन को जैसे ही यह अहसास हुआ कि पुलिस उन्हें पकड़ सकती है, उन्होंने एक वीडियो जारी किया था। इसमें उन्होंने कहा था, 'जब तक मैं जीवित हूं, मैं उन सभी चीजों के बारे में बोलूंगा, जो मैं देख और सुन रहा हूं। मुझे मरने से डर नहीं लगता। मुझे आखिर कम्युनिस्ट पार्टी से क्यों डरना चाहिए।' इस वीडियो के बाद वकील चेन क्यूशी का कुछ पता नहीं चला।

सरकारी टीवी के रिपोर्टर को घर से पकड़कर ले गई पुलिस

व्हिसिल ब्लोअर की आवाज दबाने का तीसरा मामला सरकारी टीवी के एक रिपोर्टर ली जेहुआ से जुड़ा है। वुहान में कोरोना से बड़ी संख्या में मौत होने की जानकारी देने के बाद सादे कपड़ों में उनके फ्लैट पर पहुंची पुलिस उन्हें पकड़कर ले गई। इस पूरे घटनाक्रम को लाइव स्ट्रीमिंग के जरिये लाखों लोगों ने देखा।

अमेरिका में चीन के राजदूत ने साध ली थी चुप्पी

खास बात यह है कि चीन सरकार इन तीनों ही मामलों में चुप है। यहां तक की अमेरिका में चीन के राजदूत कुई तियानकाई से टीवी पर चेन क्यूशी के बारे में दो बार पूछा गया, लेकिन उन्होंने कहा कि ना तब मैंने इस आदमी के बारे में सुना था और ना अब मैं जानता हूं। हांगकांग स्थित चाइनीज ह्यूमन राइट्स डिफेंडर्स (सीएचआरडी) की डिप्टी डायरेक्टर फ्रांसिस इव का कहना है कि जो कोई भी लापता हुआ है उसे बहुत यातनाएं दी जा रही होंगी। संभावना है कि उन्हें अपना अपराध कुबूल करने के लिए मजबूर किया जाए।


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