ब्रिटेन लागू करेगा नई वीजा नीति, भारतीय छात्रों-पेशेवरों को होगा लाभ
नए प्रस्ताव के तहत साल में 20,700 कौशल कार्य वीजा ही जारी करने की शर्त खत्म हो जाएगी।
लंदन, प्रेट्र। यूरोपीय यूनियन से अलग होने के बाद प्रतिभाशाली और श्रेष्ठ कर्मचारियों को आकर्षित करने की तैयारी ब्रिटेन ने अभी से शुरू कर दी है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे की सरकार ने ब्रेक्जिट के बाद वीजा और आव्रजन की अपनी रणनीति पर एक प्रस्ताव जारी किया है। इसमें उच्च कुशलता वाले विदेशी कर्मचारियों के लिए किसी तरह की शर्त नहीं रखी गई है। माना जा रहा है कि यूके के इस नए प्रस्ताव से भारतीय छात्रों और पेशेवरों को लाभ होगा। कांफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआइआइ) ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया है।
सीआइआइ ने नए प्रस्ताव का किया स्वागत
ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जाविद ने आव्रजन श्वेत पत्र के रूप में तैयार इस रणनीति को हाउस ऑफ कॉमंस में बुधवार को पेश किया। इस रणनीति में देश के बदले कुशलता पर ज्यादा ध्यान रखा गया है। प्रधानमंत्री मे ने कहा कि यूरोपीय यूनियन से अलग होने के बाद बेरोकटोक आवाजाही खत्म हो जाएगी। यह एक ऐसी व्यवस्था होगी, जिसमें देश नहीं, बल्कि कर्मचारियों की उच्च कुशलता मायने रखेगी। प्रस्ताव के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए पढ़ाई के बाद काम करने के नियमों में भी सुधार किया जाएगा।
उच्च कुशलता वाले आव्रजकों के लिए नहीं होगी कोई शर्त
यह प्रस्ताव दिसंबर, 2021 से लागू होगा। दावा किया जा रहा है कि यह प्रस्ताव देश के आव्रजन नियमों को सभी के लिए बराबर कर देगा। नए प्रस्ताव के तहत साल में 20,700 कौशल कार्य वीजा ही जारी करने की शर्त खत्म हो जाएगी।
सीआइआइ के यूके इंडिया बिजनेस फोरम के अध्यक्ष और टीसीएस के अधिकारी जिम ब्लिग ने कहा है कि भारतीय उद्योग लंबे समय से कौशल आधारित आव्रजन नियमों की मांग करता आ रहा था, इस प्रस्ताव से कुछ हद तक उसकी मांग पूरी होगी।