टेरीजा मे का दावा, ब्रेक्जिट डील पर मिल गई सफलता
फ्रांस के स्ट्रासबर्ग में सोमवार की रात यूरोपीय संघ के शीर्ष नेताओं के साथ प्रेस कांफ्रेंस में मे ने इस कदम की घोषणा की। उनके साथ यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जीन क्लाउड-जंकर भी थे।
लंदन, प्रेट्र। ब्रेक्जिट समझौते पर ब्रिटिश संसद में अहम मतदान से पहले प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने दावा किया है कि उन्होंने यूरोपीय संघ से समझौते पर कानूनी रूप से बाध्यकारी गारंटी हासिल कर ली है और अव्यवस्थित अलगाव को टाल दिया है।
फ्रांस के स्ट्रासबर्ग में सोमवार की रात यूरोपीय संघ के शीर्ष नेताओं के साथ प्रेस कांफ्रेंस में मे ने इस कदम की घोषणा की। उनके साथ यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जीन क्लाउड-जंकर भी थे। मे ने कहा कि ब्रिटेन और ईयू विवादास्पद आयरिश बैकस्टाप को लेकर कानूनी रूप से बाध्यकारी बदलाव पर सहमत हो गये हैं। ब्रेक्जिट समझौते में सबसे ज्यादा आयरिश बैकस्टाप क्लाज को लेकर ही विवाद है।
'आयरिश बैकस्टाप' में ब्रिटेन और आयरलैंड के बीच कड़े नियंत्रण वाली और सुरक्षा बलों की तैनाती वाली (हार्ड बॉर्डर) सीमा से बचने की बात की गई है। अब जो सहमति बनी है उसमें कहा गया है कि सीमा को लेकर कोई भी व्यवस्था स्थायी नहीं होगी।
लेकिन ब्रिटेन के सांसदों को अभी इस बदलाव के कानूनी पहलुओं को लेकर भरोसा नहीं हो रहा है। विपक्षी लेबर पार्टी ने तो इसकी घोषणा भी कर दी है कि नए समझौते में कुछ भी नया नहीं है। जबकि, ईयू से ब्रिटेन के अलगाव की तारीख नजदीक आती जा रही है। 29 मार्च को ब्रिटेन औपचारिक रूप से ईयू से अलग हो जाएगा।
जंकर के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में मे ने कहा,'सांसदों का यह स्पष्ट मत था कि बैकस्टाप में कानूनी बदलाव आवश्यक था। आज हमने कानूनी बदलाव हासिल कर लिया है। अब साथ मिलकर इस संशोधित ब्रेक्जिट समझौते को पास करने का समय आ गया है।'
ईयू ने कहा कि उसने ब्रेक्जिट समझौते को ब्रिटिश संसद में पास कराने के लिए उल्लेखनीय रियायते दी है। इसमें अगर ईयू की तरफ से बैकस्टाप अनिश्चित काल के लिए बनाए रखा जाता है तो ब्रिटेन को कानूनी कार्रवाई शुरू करने का हक होगा और अलगाव के दो साल के ट्राजिशन समय यानी दिसंबर, 2020 तक आयरिश बैकस्टाप का विकल्प तलाशना अनिवार्य होगा।
जंकर की चेतावनी
जंकर ने परोक्ष रूप से ब्रिटेन के सांसदों को चेतावनी भी दे दी। उन्होंने कहा, 'राजनीतिक में कभी-कभी दूसरा मौका मिल जाता है, लेकिन तीसरा मौका नहीं मिलता। इस समझौते के साथ अलग होना है या ब्रेक्जिट नहीं भी हो सकता है।'
आयरलैंड के भारतीय मूल के प्रधानमंत्री लियो वराडकर ने भी कहा कि नया समझौता सभी पक्षों के हित में है। इसे अच्छी भावना और इरादे से किया गया है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि बैकस्टाप को लेकर जो करार हुआ है उसे लागू कैसे किया जाएगा।
लेबर पार्टी ने कहा, कुछ भी नया नहीं
वहीं, लेबर पार्टी के ब्रेक्जिट सेक्रेटरी कीर स्टारमर ने कहा, 'यह सही समझौता नहीं है। प्रधानमंत्री वास्तव में हमें पुराना समझौता ही दे रही हैं।'
आयरिश बैकस्टाप को लेकर ब्रिटेन खासकर उत्तरी आयरलैंड के लोगों को डर है। उन्हें लगता है कि अगर बॉर्डर को हार्ड बनाया गया तो उनके लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी। इसी आशंका में जनवरी में संसद में टेरीजा मे सरकार को ब्रेक्जिट समझौते पर बुरी हार का सामना करना पड़ा था।