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    लंदन में तिरंगा उतारने के मामले में एक खालिस्तान समर्थक गिरफ्तार, ब्रिटेन ने उच्चायोग की सुरक्षा का दिया भरोसा

    By AgencyEdited By: Achyut Kumar
    Updated: Mon, 20 Mar 2023 01:34 PM (IST)

    लंदन में रविवार को भारतीय उच्चायोग के ऊपर फहराए गए तिरंगे को खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों के द्वारा उतारने की कोशिश करने के मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। ब्रिटेन ने भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा का आश्वासन दिया है।

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    लंदन में तिरंगा उतारने के मामले में एक खालिस्तान समर्थक गिरफ्तार

    लंदन, एजेंसी। ब्रिटेन के शीर्ष अधिकारियों ने कहा है कि ब्रिटिश सरकार भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा को ‘गंभीरता से’ लेगी। उन्होंने खालिस्तानी झंडे लहराते अलगाववादी प्रदर्शनकारियों द्वारा उच्चायोग में की गई तोड़फोड़ को ‘अपमानजनक’ और ‘‘पूरी तरह से अस्वीकार्य’’ करार दिया। मामले में जांच शुरू कर दी गई है।

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    एक खालिस्तानी समर्थक गिरफ्तार

    रविवार को भारतीय उच्चायोग के ऊपर फहराए गए तिरंगे को प्रदर्शनकारियों ने खालिस्तान समर्थक नारे लगाते हुए नीचे उतारने का प्रयास किया था। इस हिंसक अव्यवस्था के संबंध में एक गिरफ्तारी हुई है। उच्चायोग के अधिकारियों ने कहा कि अलगाववादियों के हमले के 'प्रयास को विफल' कर दिया गया और तिरंगा अब 'भव्य' रूप से लहरा रहा है।

    यह घटना निंदनीय है: मेयर सादिक खान

    मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा कि सुरक्षा कर्मचारियों के दो सदस्यों को मामूली चोटें आई हैं, जिन्हें अस्पताल में इलाज की आवश्यकता नहीं है। वहीं, घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा, "यह हिंसक अव्यवस्था और कृत्य निंदनीय है।" सादिक खान ने ट्वीट किया, "इस तरह के व्यवहार के लिए हमारे शहर में कोई जगह नहीं है।"

    उच्चायोग की सुरक्षा को 'गंभीरता से' लेंगे- तारिक अहमद

    भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने इस घटना को 'अपमानजनक' और 'पूरी तरह से अस्वीकार्य' बताया। विंबलडन के विदेश कार्यालय मंत्री लॉर्ड तारिक अहमद ने कहा कि वह घटना से 'हैरान' हैं। सरकार भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा को 'गंभीरता से' लेगी। उन्होंने ट्वीट किया, 'यह उच्चायोग और उसके कर्मचारियों की अखंडता के खिलाफ पूरी तरह से अस्वीकार्य कार्रवाई है।'

    पुलिस के पहुंचने से पहले भीड़ हो गई तितर-बितर- स्कॉटलैंड यार्ड

    स्कॉटलैंड यार्ड ने कहा कि रविवार दोपहर अव्यवस्था फैलने के बाद पुलिस को बुलाया गया था। तुरंत अधिकारी मौके पर पहुंचे। उपस्थित लोगों में से अधिकांश पुलिस के आने से पहले तितर-बितर हो गए थे। मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जिससे पूछताछ चल रही है। मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बयान में कहा है, ''प्रदर्शनकारियों ने उच्चायोग भवन की खिड़कियां तोड़ दी थीं।''

    घटना पर भारत ने जताया कड़ा विरोध

    इस बीच, भारत ने अपने राजनयिक मिशन की सुरक्षा को लेकर ब्रिटिश सरकार के सामने अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया। भारत ने उच्चायोग परिसर में पर्याप्त सुरक्षा की कमी पर भी सवाल उठाया। विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों द्वारा की गई कार्रवाई पर भारत के 'कड़े विरोध' को व्यक्त करने के लिए नई दिल्ली में सबसे वरिष्ठ यूके राजनयिक को रविवार देर शाम तलब किया गया था।

    दोषियों की गिरफ्तारी हो और मुकदमा चलाया जाए- भारत

    विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ब्रिटेन में भारतीय राजनयिक परिसरों और कर्मियों की सुरक्षा के प्रति ब्रिटेन सरकार की उदासीनता को अस्वीकार्य मानता है। यह उम्मीद की जाती है कि यूके सरकार आज की घटना में शामिल प्रत्येक व्यक्ति की पहचान, गिरफ्तारी और मुकदमा चलाने के लिए तत्काल कदम उठाएगी और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएगी। पंजाब में खालिस्तान समर्थक नेता अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई के बीच प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' तथाकथित 'रेफरेंडम 2020' आयोजित कर रहा है।

    कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भी हुए हैं हमले

    रविवार की घटना कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा इसी तरह की कट्टरपंथी कार्रवाइयों के बाद हुई है। पिछले हफ्ते ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन शहर में भारत के वाणिज्य दूतावास को सुरक्षा चिंताओं के कारण बुधवार को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। खालिस्तान समर्थकों ने एक अनधिकृत सभा की और कार्यालय में प्रवेश को रोक दिया था।

    अलबनीज ने भारत को दिया आश्वासन

    ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अलबनीज ने भारत को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार 'चरमपंथी कार्रवाई' को बर्दाश्त नहीं करेगी। हाल के महीनों में मेलबर्न में कई हिंदू मंदिरों में खालिस्तान समर्थकों द्वारा तोड़फोड़ की गई थी। भारत ने बार-बार इस मुद्दे को ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के सामने उठाया है। वहीं, कनाडा में हाल ही में खालिस्तान समर्थकों द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है। वहां भी हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की गई है।