इंग्लैंड में लॉकडाउन, बोरिस जॉनसन कर रहे नए नियमों पर विचार
दुनिया नॉवेल कोरोना वायरस के कारण फैली महामारी से जूझ रही है। 11 मार्च को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित कर दिया। यह संक्रमण रुकने के बजाए इस तरह बढ़ता जा रहा है कि कई देशों में दूसरी बार लॉकडाउन लागू करने पर विचार किया जा रहा है।
By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 03:29 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 03:29 PM (IST)
लंदन, रॉयटर्स। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर वैज्ञानिकों द्वारा दी गई चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए इंग्लैंड में अगले सप्ताह से लॉकडाउन लागू करने का फैसला लिया गया है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) अगले सप्ताह से एक माह के लिए देश भर में लॉकडाउन लागू करने जा रहे हैं। महामारी अब तक ब्रिटेन के अधिकांश हिस्सों में फैल चुकी है। अब तक यहां कुल 46 हजार 2 सौ 99 संक्रमितों की मौत हो चुकी है जो यूरोप में सबसे अधिक है।
उम्मीद है कि सोमवार को जॉनसन न्यूज कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे और नए नियमों का ऐलान करेंगे। इसके तहत लॉकडाउन के दौरान केवल आवश्यक दुकानें, यूनिवर्सिटी, स्कूल व नर्सरी को ही खोला जाएगा।
वरिष्ठ सरकारी सूत्रों का हवाला देते हुए बताया गया है कि ये नए नियम अभी भी विचाराधीन है और अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। इसपर पीएमओ की ओर से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इंग्लैंड के लोकल एरिया के लिए फिलहाल सरकार ने प्रतिबंधों को लेकर 3 टायर व्यवस्था बनाई है। स्कॉटलैंड ( Scotland), वेल्स (Wales) और उत्तरी आयरलैंड (North Ireland) में महामारी से जूझने के लिए अपनी पॉलिसी है।
सरकार के साइंटिफिक एडवाइजरी ग्रुप फॉर इमर्जेंसीज (SAGE) के सदस्य ने शनिवार को चेताया कि अब यह घातक वायरस हर उम्र के लोगों को अपना शिकार बना रही है। लीवरपूल यूनिवसिर्टी के आउटब्रेक मेडिसीन के प्रोफेसर कैलम सेंपल (Calum Semple) ने कहा, 'जो लोग ऐसा कहते हैं कि उन्हें दूसरी लहर में विश्वास नहीं उनके लिए यह दूसरी लहर है।' पिछले साल के अंत में चीन के वुहान से निकले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को बुरी तरह अपने चंगुल में जकड़ लिया है। अब तक दुनिया भर में कुल साढ़े चार करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं।
डिप्टी चीफ मेडिकल ऑफिसर जोनाथन वान टैम ने कथित तौर पर अपनी यह राय बदलनी शुरू कर दी है कि क्या क्षेत्रीय लॉकडाउन, वायरस के प्रसार को कम कर देगा। उन्होंने पिछले हफ्ते प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस कदम का समर्थन किया था। विशेषज्ञों का मानना है कि लोगों को क्रिसमस पर परिवार से मिलने की इजाजत देना कोरोना वायरस को फैलाने वाली घटना साबित होगी। इसे संक्रमण कई गुना तक बढ़ सकता है। उनके मुताबिक यह संक्रमण विश्वविद्यालय से लौटे छात्रों की वापसी के बाद फैले संक्रमण की रफ्तार से बदतर हो सकता है।
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