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ब्रिटेन की सरकार ने उदार वीजा नीति से भारतीय छात्रों को बाहर किए जाने का स्पष्टीकरण दिया

सूची से भारत को बाहर किए जाने की वजह अवैध भारतीय प्रवासियों का अनसुलझा मामला है। ब्रिटेन ने नई सूची में 25 देशों को शामिल किया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 07:35 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 07:35 PM (IST)
ब्रिटेन की सरकार ने उदार वीजा नीति से भारतीय छात्रों को बाहर किए जाने का स्पष्टीकरण दिया

लंदन, प्रेट्र। ब्रिटेन की सरकार ने उदार वीजा नीति से भारतीय छात्रों को बाहर किए जाने का कारण स्पष्ट किया है। उसने इसे भारत के उस कदम से जोड़ा है जिसमें भारत ने अंतिम समय में अवैध प्रवासियों की वापसी को लेकर समझौता करने से मना कर दिया था।

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-ब्रिटिश मंत्री ने कहा, भारत ने अवैध प्रवासियों पर नहीं किया समझौता

ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय कारोबार मंत्री लिआम फॉक्स ने कहा कि भारत को उन देशों की नई सूची से बाहर कर दिया गया है जिनके छात्र ब्रिटिश यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए वीजा आवेदन प्रक्रिया में राहत पा सकते हैं। इस सूची से भारत को बाहर किए जाने की वजह अवैध भारतीय प्रवासियों का अनसुलझा मामला है। ब्रिटेन ने नई सूची में चीन, मालदीव, मेक्सिको और बहरीन समेत 25 देशों को शामिल किया है।

लंदन में बीते सोमवार को ब्रिटेन-भारत वीक से इतर फॉक्स ने कहा, 'हमें भारत के साथ निरंतर बातचीत करने की जरूरत है। हमेशा से आसान नियमों की मांग होती रही है, लेकिन हम इन मसलों के हल के बिना इन पर गौर नहीं कर सकते।' इस फैसले का भारत-ब्रिटेन के संबंधों पर पड़ने वाले असर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'हमारा संबंध दीर्घकालीन है और यह सिर्फ कारोबार तक सीमित नहीं है।'

भारतीय एजेंसियों को 15 दिन का दिया गया था वक्त

इस साल मध्य अप्रैल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा से पहले भारतीय कैबिनेट ने ब्रिटेन से अवैध प्रवासियों की स्वदेश वापसी को लेकर समझौते पर मुहर लगा दी थी। इस दौरे पर करीब 25 समझौते होने थे।

भारत ने हालांकि अंतिम समय में इस समझौते पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था। विदेश मंत्रालय ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई थी कि भारतीय एजेंसियों को बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों के सत्यापन के लिए महज 15 दिन का समय दिया गया है।


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