UK ने औपचारिक रूप से ब्रेक्जिट परिवर्तन विस्तार को किया खारिज
ब्रेक्जिट परिवर्तन अवधि के संभावित विस्तार की समयसीमा नजदीक आने के बीच यूरोपीय संघ और ब्रिटेन में भविष्य के व्यापार को लेकर बातचीत का चौथा दौर बेनतीजा रहा था।
लंदन, आइएएनएस। ब्रिटेन ने औपचारिक रूप से एक विस्तारित पोस्ट-ब्रेक्जिट परिवर्तन अवधि की संभावना को खारिज कर दिया, जिससे व्यापार फिर से पीछे रह गया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटिश कैबिनेट कार्यालय के मंत्री माइकल गोव ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने औपचारिक रूप से इस फैसले की पुष्टि की है। उन्होंनं कहा, 'मैंने औपचारिक रूप से पुष्टि की है कि यूके परिवर्त अवधि और एम्पीयर का विस्तार नहीं करेगा; विस्तार का समय अब बीत चुका है। 1 जनवरी 2021 को हम अपना नियंत्रण वापस ले लेंगे और अपनी राजनीतिक और आर्थिक स्वतंत्रता को फिर से हासिल करेंगे।'
गोव ने गुरुवार को कहा कि ब्रिटिश सरकार यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ ब्रेक्जिट पर दोनों पक्षों के बीच रुकी हुई व्यापार वार्ता के बावजूद कोई सौदा नहीं कर रही है, जिसमें जोर देकर कहा गया है कि ब्रिटेन 31 दिसंबर से आगे परिवर्तन की अवधि नहीं बढ़ाएगा।
उन्होंने हाउस ऑफ कॉमन्स (संसद के निचले सदन) में सांसदों को बताया, 'किसी भी परिस्थिति में सरकार एक विस्तार को स्वीकार नहीं करेगी। वास्तव में, हमारे पास एक घरेलू कानून का दायित्व है कि हम इसे स्वीकार न करें। विस्तार से केवल उस क्षण में देरी होगी जिस समय हम प्राप्त करते हैं कि हम क्या चाहते हैं और देश ने किसे वोट दिया है ... हमारी आर्थिक और राजनीतिक स्वतंत्रता।'
ब्रेक्जिट परिवर्तन अवधि के संभावित विस्तार की समयसीमा नजदीक आने के बीच यूरोपीय संघ और ब्रिटेन में भविष्य के व्यापार को लेकर बातचीत का चौथा दौर पिछले हफ्ते शुक्रवार को बेनतीजा समाप्त हो गया था। वार्ताकारों के दो दलों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंस से चार दिन की बातचीत के बाद दोनों पक्षों में कई विषयों को लेकर गतिरोध बना रहा जिनमें व्यापार के लिए नियमन का मुद्दा शामिल था।
मत्स्यपालन पर भी उनके रुख भिन्न दिखे, जहां ब्रिटिश जलक्षेत्र में लंबे समय तक आने की अनुमति देने की ईयू की मांग का ब्रिटेन विरोध कर रहा था। ईयू के मुख्य वार्ताकार मिशेल बर्नियन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा था, 'इस सप्ताह कोई अहम प्रगति नहीं हुई।' बता दें कि ब्रिटेन ने 31 जनवरी को ईयू के राजनीतिक संस्थानों को छोड़ दिया था लेकिन इस साल के अंत तक ईयू के कर मुक्त एकल बाजार और सीमाशुल्क संघ का सदस्य बना हुआ है।