Move to Jagran APP

बाढ़ से बचाव में मदद करेगा ये माइक्रो ब्लॉगिंग साइट

वैज्ञानिक माइक्रो ब्लॉगिंग साइट और कृत्रिम बुद्धिमता तकनीक का किया संयोजन

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 28 Dec 2017 11:45 AM (IST)Updated: Thu, 28 Dec 2017 11:45 AM (IST)
बाढ़ से बचाव में मदद करेगा ये माइक्रो ब्लॉगिंग साइट
बाढ़ से बचाव में मदद करेगा ये माइक्रो ब्लॉगिंग साइट

लंदन (प्रेट्र)। प्राकृतिक आपदाओं पर किसी का जोर नहीं है, लेकिन यदि सही समय पर उनके आने का पता जाए तो नुकसान को काफी हद तक कम करने में मदद मिल सकती है। ऐसी ही एक प्राकृतिक आपदा है बाढ़। समय पूर्व इसकी सूचना मिल सके इसके लिए वैज्ञानिक लगातार प्रयासरत हैं।

loksabha election banner

अब वैज्ञानिकों ने इसका समाधान तलाशने का दावा किया है। उनका कहना है कि बाढ़ के लिहाज से जोखिम भरे क्षेत्रों में लोगों को शीघ्र से शीघ्र उसकी चेतावनी (बाढ़ पूर्व चेतावनी) पहुंचाने के लिए ट्विटर और विभिन्न एप द्वारा जानकारी एकत्र कर एक नई प्रणाली विकसित कर ली गई है।

ब्रिटेन में डूंडी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने दिखाया कि कैसे मोबाइल एप के जरिए ट्विटर और लोगों से जानकारी एकत्रित कर शहरी इलाकों में बाढ़ की शीघ्र चेतावनी देने के लिए ‘हाइपर-रेजोल्यूशन मॉनिटरिंग’ का निर्माण किया जा सकता है।

यह आती है परेशानी 

वैज्ञानिकों के मुताबिक, डाटा संग्रह और विश्लेषण की जटिलताओं के कारण शहरी इलाकों में बाढ़ के खतरे को भांप पाना मुश्किल होता है। यह विस्तृत जोखिम विश्लेषण, बाढ़ नियंत्रण और संख्यात्मक मॉडल के सत्यापन में अड़चन डालता है। यही वजह है कि समय रहते बाढ़ की सूचना प्रेषित नहीं की जा सकती।

इस तरह विकसित की तकनीक 

शोधकर्ताओं ने इस समस्या को सुलझाने के लिए यह पता लगाया कि कैसे नवीनतम तकनीक कृत्रिम बुद्धिमता (आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (एआइ)) तकनीक का इस्तेमाल सोशल मीडिया और एप पर उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रदान किए गए आंकड़ों को हासिल करने के लिए किया जा सकता है। इसके बाद उन्होंने इन सभी चीजों का संयोजन किया और देखा कि सबके एक साथ काम करने पर यह तकनीक बेहद कारगर साबित हो सकती है।

बेहद तेज है यह तकनीक

इस खोज में शामिल एक वैज्ञानिक वॉन्ग के मुताबिक, बीते एक दशक से समुद्र का जल स्तर हर वर्ष औसतन 3.4 मिलीमीटर बढ़ रहा है। ऐसे में बाढ़ की सूचना के लिए बेहतर तकनीक की आवश्यकता थी। इसी उद्देश्य से हमने इस पर काम किया।

वर्तमान में ट्विटर बेहद तेज संचार माध्यम है। इसके जरिए संदेश को किसी भी स्थान पर पलक झपकते पहुंचाया जा सकता है। इसलिए हमने इसे चुना। जब इसके साथ अन्य तकनीकों को जोड़ा तो एक बेहतरीन तंत्र सामने आया जो बाढ़ की सूचना जल्द प्रेषित करने में मददगार है।

यह भी पढ़ें: जब क्रिसमस मनाने मेलबर्न की सड़क पर निकला मगरमच्छ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.