उड़ान के दौरान पक्षियों की तरह अपना आकार बदल लेगा अनूठा रोबोट
तंग स्थानों में जाने की खूबी के चलते तलाशी अभियानों और बचाव कार्यों में मिलेगी मदद
लंदन [प्रेट्र]। वैज्ञानिकों ने पक्षियों से प्रेरित होकर दुनिया का पहला ऐसा उड़ने वाला रोबोट विकसित कर लिया है, जो उड़ान के दौरान ही अपने आकार को बदल सकता है। उड़ते समय जगह छोटी होने पर यह अपने पंखों के फैलाव को कम कर सकता है। स्थान के अनुसार समायोजित होने वाले इसके पंख प्रोपेलर से जुड़े हुए हैं, जो इसे एक हेलीकॉप्टर की तरह उड़ान भरने में मदद करते हैं।
सॉफ्ट रोबोटिक्स नामक जर्नल में इस टेक्नोलॉजी के बारे में विस्तार से बताया गया है। इस तकनीक के जरिये भविष्य में ऐसे रोबोट तैयार किए जा सकते हैं, जो तंग स्थानों पर भी आराम से जा सकेंगे। इसके चलते इन रोबोट से तलाशी अभियानों और बचाव कार्यों में मदद मिल सकेगी।
पक्षियों और पंखों वाले कीटों में होती है जबर्दस्त खूबी
पक्षियों और पंखों वाले कीटों में उड़ान के दौरान स्थान के अनुसार अपने आकार को बदलने की जबर्दस्त खूबी होती है। वे इतनी तेजी से अपने आकार में परिवर्तन ला सकते हैं, जिससे उड़ान में बाधा आए बिना वे किसी भी स्थान पर बेहद आसानी से पहुंच जाते हैं। भीड़भाड़ वाले और घने इलाकों जैसे जंगल आदि में रोबोट आसानी से उड़ान भर सके इसके लिए उसमें इन खूबियों का होना जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिकों ने पक्षियों से प्रेरित होकर इस रोबोट को तैयार किया है।
पहले ही मौजूद हैं मशीनें, पर यह सबसे बेहतर
पहले से ही उड़ान भरने वालीं छोटी मशीनें मौजूद हैं जो तंग स्थानों से गुजरने के लिए अपनी उड़ान के तरीके, रोल व पिच में बदलाव कर सकती हैं। हालांकि पक्षियों के उड़ान भरने का तरीका इनसे अलग होता है, जो विभिन्न बाधाओं के बावजूद उन्हें अच्छी उड़ान भरने और संकीर्ण स्थानों से गुजरने में मदद करता है। वे तेज गति से उड़ान भरते समय अपने पंखों को बहुत कम समय में मोड़ सकते हैं। पंखों के फैलाव को कम या ज्यादा कर सकते हैं। इस तरह मुश्किल से मुश्किल स्थानों में वे आसानी से उड़ान भर सकते हैं।
नौ किमी प्रति घंटे की रफ्तार से भर सकता है उड़ान
फ्रांस स्थित सेंटर नेशनल डे ला रिसर्च साइंटिफिक (सीएनआरएस) के वैज्ञानिकों ने इन्हीं खूबियों को समाहित करते हुए उड़ने वाला रोबोट तैयार किया है, जो उड़ान भरते हुए ही अपने पंखों को बड़ा और छोटा कर सकता है। पंखों के फैलाव को कम या ज्यादा करने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की भी आवश्यकता नहीं होती है। इस रोबोट में दो घूमने वाली भुजाएं लगी हैं, जो दो प्रोपेलर से जुड़ी हैं। इनकी मदद से यह रोबोट नौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है, जो अभी तक के उड़ने वाले रोबोट की तुलना में काफी अच्छी है।