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स्तन कैंसर के दोहराव के खतरे का पता लगाना होगा आसान

ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने ब्रेस्ट कैंसर के दोहराव के खतरे का पता लगाने की दिशा में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। जीन टेस्ट के जरिये इस बीमारी के फिर से होने के खतरे का पता लगाया जा सकेगा।

By Srishti VermaEdited By: Published: Mon, 09 Oct 2017 03:23 PM (IST)Updated: Mon, 09 Oct 2017 03:23 PM (IST)
स्तन कैंसर के दोहराव के खतरे का पता लगाना होगा आसान
स्तन कैंसर के दोहराव के खतरे का पता लगाना होगा आसान

ब्रिटेन (आइएएनएस)। स्तन कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। समय पर पता न लगने और उचित वक्त पर इलाज नहीं होने के कारण यह जानलेवा साबित हो सकता है। कई बार पीडि़त महिलाएं इलाज के बाद दोबारा इसकी शिकार हो जाती हैं। ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने दोहराव के खतरे का पता लगाने की दिशा में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। जीन टेस्ट के जरिये इस बीमारी के फिर से होने के खतरे का पता आसानी से लगाया जा सकेगा। इसे सिंगल न्यूक्लिटाइड पॉलीमॉर्फिज्म (एसएनपी) का नाम दिया गया है। मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने बताया कि शुरुआत में इसकी मदद से बीआरसीए-1 और 2 जीन म्यूटेशन से ग्रसित पीडि़तों में इस आशंका का पता लगाया जा सकेगा। मौजूदा समय में इस खतरे से बचने के लिए पीडि़तों को अपना स्तन पूरी तरह से हटाना पड़ता है। नई तकनीक की मदद से इससे बचा जा सकेगा।

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