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ब्रिटेन में कोविड नियंत्रण में चूक ने ली हजारों की जान, संसदीय जांच समितियों की रिपोर्ट में सरकार को ठहराया गया जिम्मेदार

जनवरी 2020 में ब्रिटेन में कोविड का पहला मामला आने के महीनों बाद शुरू हुई जांच का नेतृत्व प्रधानमंत्री बोरिस जानसन की पार्टी के सांसद ने किया जिन्होंने रिपोर्ट में अपनी ही सरकार की विफलताओं का ब्योरा पेश किया। ब्रिटेन में कोरोना विस्फोट ने हजारों लोगों की जान ले ली।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 09:57 PM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 09:57 PM (IST)
ब्रिटेन की संसदीय जांच समितियों की रिपोर्ट

लंदन, न्यूयार्क टाइम्स। ब्रिटेन की संसदीय जांच समितियों की रिपोर्ट में कोविड-19 की वजह से हजारों मौतों के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा गया है कि इन्हें टाला जा सकता था। मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कोविड महामारी के शुरुआती दौर में इसके नियंत्रण के लिए अपनाए गए कदमों को ब्रिटेन की सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था की अभूतपूर्व विफलता बताया गया है। सरकार ने देश को हुए नुकसान पर खेद जताया और अपनी कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा, 'हमने वैसा ही किया, जैसा विज्ञानियों ने सुझाया।' 151 पन्नों की इस रिपोर्ट में सांसदों की दो समितियों ने व्यापक जांच, लाकडाउन व अन्य प्रतिबंधों को तेजी से लागू करने में सरकार को विफल बताते हुए उसकी कड़ी आलोचना की है।

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संसदीय समितियों ने ब्रिटिश सरकार को इन मौतों के लिए ठहराया जिम्मेदार

समिति ने संक्रमण के प्रसार के जरिये हर्ड इम्युनिटी हासिल करने संबंधी नीति को गलत बताया है। रिपोर्ट के अनुसार, 'अब स्पष्ट है कि यह गलत नीति थी, जिसके कारण प्रारंभ में अधिक मौते हुईं। अगर शुरुआत में ही प्रभावी नीति बनाई गई होती, तो इन्हें टाला जा सकता था।' हालांकि, जांच निष्कर्ष पहले ही लोगों की जानकारी में आ चुके थे, लेकिन यह ब्रिटेन की महामारी संबंधी कार्रवाई की पहली आधिकारिक जांच रिपोर्ट के रूप में सामने आई है।

सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद ने ही किया है जांच का नेतृत्व

जनवरी 2020 में ब्रिटेन में कोविड का पहला मामला आने के महीनों बाद शुरू हुई जांच का नेतृत्व प्रधानमंत्री बोरिस जानसन की कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद ने किया है, जिन्होंने रिपोर्ट में अपनी ही सरकार की विफलताओं का ब्योरा पेश किया है। संपन्न राष्ट्रों की बात करें तो ब्रिटेन को सबसे घातक कोरोना विस्फोट का सामना करना पड़ा था, जिसने हजारों लोगों की जान ले ली। ब्रिटेन में कोरोना की वजह से मरने वालों का आधिकारिक आंकड़ा 1,62,000 है। पश्चिम के अन्य लोकतंत्र की तरह ब्रिटेन को भी महामारी के दौरान निजी आजादी और लाकडाउन जैसे सख्त प्रतिबंधों के बीच संतुलन बैठाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। इसकी वजह से सरकार को शीर्ष स्तर पर अव्यवस्था का भी सामना करना पड़ा।

कोविड टीकाकरण का नेतृत्व करने वाले देशों में शुमार हुआ बिट्रेन

हालांकि, ब्रिटेन इन गलतियों को पीछे छोड़ते हुए पिछले शीत व वसंत ऋतु के दौरान कोविड टीकाकरण का नेतृत्व करने वाले देशों में शुमार हो गया। कैबिनेट मंत्री स्टेव बार्कले ने बीबीसी रेडियो से कहा, 'हमने चुनौतियों के दौरान जैसा किया, वैसा कोई अब भी नहीं कर सकता।' यूनिवर्सिटी आफ एडिनबर्ग में वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रमुख देवी श्रीधर ने कहा, 'यह रिपोर्ट कोविड के नियंत्रण में ब्रिटिश सरकार की विफलताओं को उजागर करती है। इनमें व्यापक उपायों में देरी, हफ्तों तक जांच नहीं होना, अग्रिम पंक्ति में काम करने वालों के लिए निजी सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) का अभाव व लाकडाउन में विलंब आदि शामिल हैं।' पीपीई का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, 'उम्मीद है कि सरकार इससे कुछ सबक लेगी।'

अगले माह पूर्ण टीकाकृत लोगों के लिए सीमाएं खोलेगा अमेरिका

एपी के अनुसार, कोविड महामारी की वजह से 19 महीनों बाद नवंबर से अमेरिका सामान्य लोगों के लिए अपने देश की सीमाएं फिर से खोलने जा रहा है। हालांकि, ट्रेन, सड़क व जलमार्ग से अमेरिकी सीमा में प्रवेश करने वाले दूसरे देशों के यात्रियों का पूर्ण टीकाकृत होना जरूरी है। नए नियमों की घोषणा बुधवार को की गई।


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