कोरोना वायरस से बचने के लिए 'दो गज की दूरी' नहीं है काफी, नई रिसर्च का दावा
कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण से बचने के लिए मौजूदा समय में शारीरिक दूरी को सबसे कारगर माना जा रहा है। सरकार ने नारा भी दिया है- दो गज की दूरी है जरूरी।
लंदन, पीटीआइ। कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण से बचने के लिए मौजूदा समय में शारीरिक दूरी को सबसे कारगर माना जा रहा है। सरकार ने नारा भी दिया है- दो गज की दूरी है जरूरी। लेकिन नई रिसर्च की मानें तो कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए दो गज यानि की लगभग 6 फीट की दूरी नाकाफी है। नई रिसर्च के मुताबिक, अगर आप 10 फीट की शारीरिक दूरी का भी पालन करते हैं, तब भी इस जानलेवा वायरस की गिरफ्त में आ सकते हैं।
कोरोना वायरस (कोविड-19) को लेकर आए दिन नई रिसर्च सामने आ रही हैं। नई रिसर्च के मुताबिक, कम हवा की गति में एक हल्की खांसी की लार की बूंदें 18 फीट दूर तक जा सकती हैं। ऐसे में अगर कोई शख्स 6 फीट की दूरी का नियम अपना रहा है, तो वह भी संक्रमित हो सकता है।
साइप्रस में निकोसिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं सहित अन्य शोधकर्ताओं द्वारा की गई इस रिसर्च में कहा गया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए हमें काफी अहतियात बरतने की आवश्यकता है। फिजिक्स ऑफ फ्लुइड्स नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में उन्होंने कहा कि लगभग चार किलोमीटर प्रति घंटे (kph) की मामूली हवा की रफ्तार के साथ भी लार 5 सेकंड में 18 फीट की दूरी तय कर सकती है। साथ ही बताया गया, 'खांसी होने पर निकले लार के कण विभिन्न ऊंचाइयों के वयस्कों और बच्चों दोनों को प्रभावित करेंगे।' वैज्ञानिकों के अनुसार, छोटी हाइट वाले वयस्क और बच्चों को ज्यादा जोखिम हो सकता है, यदि वे लार की बूंदों की दिशा में स्थित हों।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस की अभी कोई दवाई या वैक्सीन ईजाद नहीं हुई है। दुनियाभर में अब तक 4,990,470 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। वहीं, 324990 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई देशों ने लॉकडाउन को खोलने का फैसला किया है। ऐसे में अगर लोग नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। हालांकि, कोविड-19 एक नया वायरस है, इसलिए इसे लेकर ज्यादा जानकारी हमारे पास पहले से उपलब्ध नहीं है। जैसे-जैसे इस दिशा में रिसर्च हो रही है, नई-नई चीजें जानकारी सामने आ रही हैं।