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शोधकर्ताओं ने कहा- बुजुर्गों और गंभीर रोग से पीड़ितों के लिए ज्यादा घातक है कोरोना

शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन को लेकर आगाह किया है कि यह एक अवलोकन है पूरी तरह स्थापित कारक नहीं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 08:09 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 08:09 PM (IST)
शोधकर्ताओं ने कहा- बुजुर्गों और गंभीर रोग से पीड़ितों के लिए ज्यादा घातक है कोरोना
शोधकर्ताओं ने कहा- बुजुर्गों और गंभीर रोग से पीड़ितों के लिए ज्यादा घातक है कोरोना

लंदन, प्रेट्र। कोविड-19 संक्रमण से होनेवाली मौतों के प्रमुख कारणों को लेकर दुनियाभर में कई शोध हो रहे हैं। हाल ही में एक शोध में कहा गया है कि कोरोना वायरस से होने वाली मौतों में उम्र के साथ व्यक्ति का पहले बीमार होना सबसे प्रमुख कारक माना गया है। इसके साथ ही एक आश्चर्यजनक तथ्य यह भी सामने आया है और वह है -व्यक्ति का पुरुष होना। अध्ययन में कहा गया कि पहले से मधुमेह, श्वसन और फेफड़े संबंधी बीमारी तथा अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों की कोरोना ने सबसे अधिक जान ली है।

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50 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोग, गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को है कोरोना से खतरा

ब्रिटिश मेडिकल जनरल (बीएमजे) में प्रकाशित शोध के मुताबिक, 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के प्रौढ़, पुरुषों, मोटापा, हृदय रोग, फेंफड़ा, लीवर और किडनी से संबंधित बीमारियों से ग्रस्त लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण से मौत का खतरा सबसे अधिक है। अभी तक इस संबंध में किए गए सबसे बड़े अध्ययन में ब्रिटेन के लिवरपूल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं सहित अन्य सभी ने इंग्लैंड के अस्पतालों में भर्ती हुए कोविड-19 मरीजों के आंकड़ों का विश्लेषण किया है।

43,000 से भी ज्यादा मरीजों की केस हिस्ट्री से शोधकर्ताओं ने खोजे कारण

शोध के लिए 43,000 से भी ज्यादा मरीजों को शामिल किया गया था। शोधकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने छह फरवरी से 19 अप्रैल के बीच इंग्लैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड के 208 अस्पतालों में भर्ती हुए 20,133 मरीजों के आंकड़ों का भी विश्लेषण किया। इस अध्ययन की मदद से स्वास्थ्यकर्मी अब इस संक्रमण से होने वाली मौतों के संबंध में बेहतर जानकारी पा सकेंगे।

महिलाओं के मुकाबले पुरुष की संख्या ज्यादा

अध्ययन के मुताबिक, अस्पताल में भर्ती होने वालों की औसत आयु 73 वर्ष थी और महिलाओं के मुकाबले ज्यादा पुरुषों को अस्पताल लाया गया। अधिक उम्र के साथ-साथ उनको हृदय, फेफड़े, लीवर और किडनी की बीमारी थी। मरनेवालों में इन्हीं लोगों की संख्या अधिक है। शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन को लेकर आगाह किया है कि यह एक अवलोकन है, पूरी तरह स्थापित कारक नहीं। उन्होंने कहा कि संक्रमण को लेकर हमको आगे भी सतर्क और सावधान रहना होगा।


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