खाड़ी के तनाव पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की चुप्पी से उठ रहे सवाल
ईरान के मेजर जनरल कासिम सुलेमानी पर हमले की अमेरिकी कार्रवाई पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की चुप्पी कई सवाल उठा रही है।
लंदन, एपी। ईरान के मेजर जनरल कासिम सुलेमानी पर हमले की अमेरिकी कार्रवाई पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की चुप्पी कई सवाल उठा रही है। ब्रिटेन और अमेरिका के विशेष संबंध हैं और प्रधानमंत्री जॉनसन का भी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से खास रिश्ता है। दोनों नेता मूल रूप से न्यूयॉर्क के हैं। वैसे ब्रिटिश विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने ईरान को संयम बरतने और अमेरिका के साथ संबंधों में आया तनाव खत्म करने की सलाह दी है।
जॉनसन नए साल के आगमन का जश्न मनाने के लिए एक निजी कैरेबियाई द्वीप में गए थे। बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर हमले और इसके बाद अमेरिका के सुलेमानी को मारे जाने से पैदा तनाव पर उन्होंने अपनी छुट्टियां खत्म नहीं कीं। इसके चलते विपक्षी लेबर पार्टी ने जॉनसन की निंदा भी की। लेकिन अब लंदन वापसी के बावजूद जॉनसन खाड़ी मसले पर चुप हैं। खाड़ी में बढ़े तनाव पर उनके विदेश मंत्री ने सामान्य प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
जॉनसन को अपनी छुट्टियां रद कर लेनी चाहिए थी- कॉर्बिन
विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने कहा कि पीएम जॉनसन को अपनी छुट्टियां रद कर लेनी चाहिए थी। अमेरिका और ईरान के बीच पैदा हुए तनाव का ब्रिटेन और दुनिया के लिए गंभीर परिणाम हो सकता है। जॉनसन को इससे निपटने के लिए तुरंत प्रयास करना चाहिए।
क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से डरते हैं जॉनसन- एमिली थॉर्नबेरी
लेबर पार्टी के विदेश नीति की प्रवक्ता एमिली थॉर्नबेरी ने कहा कि वह इससे हैरान हैं कि जॉनसन ने घटना के 48 घंटे बाद भी कुछ नहीं कहा। क्या वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से डरते हैं। कॉर्बिन की जगह थॉर्नबेरी ले सकती हैं। एक अन्य पार्टी, लिबरल डेमोक्रेट्स के नेता, एड डेवी ने जॉनसन पर चुप्पी साधने के लिए निशाना साधा। बता दें कि जॉनसन के कंजर्वेटिव पार्टी की पिछले महीने 12 दिसंबर को हुए चुनाव में भारी बहुमत से सत्ता में वापसी हुई। उन्होंने 31 जनवरी तक ब्रेक्जिट को अंजाम देने का वादा किया है।