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भारतीय महिला की मौत ने बदला आयरलैंड का कानून, गर्भपात से हटा बैन

आयरलैंड में गर्भपात पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए किए गए जनमत संग्रह में 66.4 लोगों ने इसके पक्ष में मतदान किया।

By Arti YadavEdited By: Published: Sun, 27 May 2018 07:54 AM (IST)Updated: Sun, 27 May 2018 07:59 AM (IST)
भारतीय महिला की मौत ने बदला आयरलैंड का कानून, गर्भपात से हटा बैन
भारतीय महिला की मौत ने बदला आयरलैंड का कानून, गर्भपात से हटा बैन

लंदन (प्रेट्र)। आयरलैंड में बहुमत ने देश में गर्भपात पर लगे प्रतिबंध को हटाने का समर्थन किया है। जनमत संग्रह में 66.4 फीसद मतदाताओं ने प्रतिबंध हटाने के पक्ष में और 33.6 फीसद ने विरोध में मतदान किया है। भारतीय डेंटिस्ट सविता हालाप्पनावर की मौत के बाद देश में गर्भपात पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ जनमत बनना शुरू हो गया था। 2012 में गर्भपात की अनुमति नहीं दी गई थी जिससे एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी।

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वर्तमान में आयरलैंड में केवल महिला का जीवन खतरे में होने की दशा में ही गर्भपात की अनुमति है। लेकिन दुष्कर्म, सगे संबंधी से ठहरे गर्भ या गर्भस्थ शिशु के असामान्य होने की स्थिति में गर्भपात की अनुमति नहीं है। जनमत संग्रह का परिणाम आने के बाद अब आठवें संशोधन को बदला जाएगा। इसी संशोधन के तहत गर्भस्थ शिशु और मां को समान रूप से जीवन का अधिकार दिया गया है।

दिवंगत भारतीय डेंटिस्ट सविता के पति प्रवीन ने कहा कि उनकी पत्नी ने आग्रह किया था, लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गई क्योंकि गर्भस्थ शिशु का दिल धड़क रहा था। गाल्वे यूनिवर्सिटी हास्पिटल की मिडवाइफ मैनेजर ने पुष्टि की कि उन्होंने सविता से कहा था कि उन्हें गर्भपात की अनुमति नहीं दी जा सकती है क्योंकि आयरलैंड कैथोलिक देश है। भारतीय डेंटिस्ट की मौत चिकित्सकीय दुर्घटना मानी गई थी। उनकी मौत के बाद देश में गर्भपात कानून को लेकर व्यापक बहस छिड़ गई थी। इसी बहस का परिणाम है कि देश में चरम स्थितियों में गर्भपात को अनुमति देने वाला कानून है। आयरिश संसद ने जुलाई 2013 में चिकित्सकीय आपात के साथ ही आत्महत्या के खतरे की दशा में गर्भपात की वैधता के पक्ष में मतदान किया था।

जनमत संग्रह का परिणाम सामने आने से पहले आयरलैंड के भारतीय मूल के प्रधानमंत्री लीयो वरदकर ने कहा था कि देश इतिहास बनने जा रहा है क्योंकि एग्जिट पोल में 'यस' वोट को अप्रत्याशित जीत मिलने का संकेत मिल रहा है। आयरलैंड के सरकारी प्रसारण आरटीई से वरदकर ने कहा, 'आज जो हमने देख रहे हैं वह आयरलैंड में पिछले 10 या 20 वर्षो में शांतिपूर्ण क्रांति का चरमोत्कर्ष है।'


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