अच्छी खबर: वैज्ञानिकों का दावा, आर्कटिक के ऊपर Ozone Layer का होल हुआ ठीक
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि ओजोन परत में जो छेद हुआ था। वह अब धीरे-धीरे ठीक हो रहा है।
यूनाइटेड किंगडम,पीटीआइ। कोरोना वायरस महामारी से लड़ रही दुनिया के लिए अच्छी खबर हैं। दरअसल, वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि ओजोन परत में बना होल ठीक हो गया है। वैज्ञानिकों ने कहा कि असामान्य वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण आर्कटिक के ऊपर ओजोन परत में सबसे बड़ा होल बंद हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष मार्च में वैज्ञानिकों द्वारा पहली बार छेद की पहचान की गई थी। यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम-रेंज वेदर फोरकास्ट (ECMWF) द्वारा कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (C3S) और कोपरनिकस एटमॉस्फियर मॉनिटरिंग सर्विस (CAMS) ने विकास की पुष्टि की। कोपरनिकस ECMWW के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने ट्वीट करते हुए कहा कि 2020 उत्तरी गोलार्ध ओजोन होल समाप्त हो गया है।
ओजोन परत पृथ्वी के मंडल में एक क्षेत्र है जो सूर्य की अलट्रा वायलेट किरणों को खत्म करती है। जो हानिकारक होती है और स्कीन कैंसर समेत त्वचा संबंधित कई रोग पैदा कर देती हैं। 1970 के दशक में, वैज्ञानिकों ने पाया कि ओजोन परत मानव निर्मित गतिविधियों के कारण समाप्त हो रही है, जिससे पृथ्वी पर जीवन के लिए खतरा पैदा हो गया है।
मार्च में, वैज्ञानिकों ने उत्तरी ध्रुव के ऊपर ओजोन परत में एक छेद बनाने के संकेत देखे थे और सोचा था कि यह कम तापमान का परिणाम है। यह ओजोन परत का सबसे बड़ा छेद माना जाता है, और इससे दक्षिण की ओर एक बड़ा खतरा पैदा हो सकता है।
हालांकि, वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि ओजोन परत में 1 मिलियन वर्ग किलोमीटर चौड़ा छेद ठीक हो गया है। उन्होंने कहा कि कोरोनोवायरस लॉकडाउन के दौरान प्रदूषण के कम स्तर के कारण छेद का बंद होना नहीं है। यह माना जाता है कि ध्रुवीय भंवर, उच्च ऊंचाई वाली धाराएं जो ध्रुवीय क्षेत्रों में ठंडी हवा लाती है उसी वजह से ये परत ठीक हुई है।
वैज्ञानिकों ने साफ तौर पर कहा है कि कोरोना वायरस (COVID-19) संक्रमण को रोकने के लिए दुनिया के अधिकांश देशों में लागू लॉकडाउन की वजह से इस पर कोई असर नहीं पड़ा है। बल्कि इसके ठीक होने के पीछे पोलर वर्टेक्स प्रमुख वजह है।