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अब ध्वनि तरंगों से लगाए जा सकेंगे टांके, वैज्ञानिकों ने तैयार की नई प्रणाली

ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने तैयार की नई प्रणाली, कपड़ों की सिलाई के साथ घावों को बंद करने के लिए टांके लगाने में भी मिलेगी मदद

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 26 Dec 2018 11:42 AM (IST)Updated: Wed, 26 Dec 2018 11:42 AM (IST)
अब ध्वनि तरंगों से लगाए जा सकेंगे टांके, वैज्ञानिकों ने तैयार की नई प्रणाली
अब ध्वनि तरंगों से लगाए जा सकेंगे टांके, वैज्ञानिकों ने तैयार की नई प्रणाली

लंदन, प्रेट्र। वैज्ञानिकों ने पहली बार ध्वनि तरंगों की मदद से टांकों की सिलाई करने में सफलता हासिल कर ली है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसकी मदद से न केवल कपड़े सिले जा सकेंगे, बल्कि ऑपरेशन के बाद घावों को बंद करने के लिए टांके लगाने में भी इसकी मदद ली जा सकेगी। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ध्वनि तरंगों में भी ताकत होती है। जब इनकी पिच बहुत अधिक होती है तभी इंसानों को सुनाई देती है। अब वैज्ञानिकों ने इन ध्वनि तरंगों का प्रयोग करके एक ध्वनि क्षेत्र तैयार किया है, जो चीजों को हिलाने में सक्षम हैं।

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ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल और स्पेन की यूनिवर्सिडड पब्लिका डी नवर्रा के वैज्ञानिकों ने इस नई तकनीक का विकास किया है। इसमें दो मिलीमीटर पॉलीस्टीरीन धागा एक टुकड़े से जुड़ा हुआ है। ध्वनिक चिमटी के जरिये टुकड़े में लगे धागे से किसी कपड़े पर सिलाई कर सकते हैं। इस सिलाई को हवा में थ्रीडी यानी तीन स्थानों से नियंत्रित किया जा सकता है और इसे 25 बार चलाया जा सकता है।

ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के प्रोफेसर ब्रूस ड्रिंकवाटर के मुताबिक, इस तकनीक को कई तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं। वह कहते हैं, हमने 256 छोटे लाउडस्पीकरों की ध्वनि को नियंत्रित करने के लिए एल्गोरिदम का प्रयोग किया है। इससे हमने इस जटिल प्रक्रिया को आसान बना लिया। इससे बहुत आसानी से ध्वनिक क्षेत्र बन गया।

यूनिवर्सिडड पब्लिका डी नवर्रा के असीर मार्जो ने कहा, ध्वनिक चिमटी 2018 में नोबेल पुरस्कार जीतने वाली ऑप्टिकल चिमटी की तरह ही है। यह लेजर का प्रयोग करके सूक्ष्म कणों को फंसाने और चलाने का काम करती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि लेजर पारदर्शी माध्यम में ही ठीक से काम कर पाता है, लेकिन जैविक ऊतक के भीतर इसका इस्तेमाल बहुत मुश्किल होता है। ध्वनिक उपकरण ऑप्टिकल सिस्टम की तुलना में एक लाख गुना अधिक शक्तिशाली होते हैं।

वैज्ञानिकों का कहना है कि ध्वनि की ताकत को जरूरत के मुताबिक, घटा और बढ़ाकर अलग-अलग जगहों पर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी ताकत से छोटी चीजों को एक जगह से दूसरी जगह पर स्थानांतरित करने में भी मदद ली जा सकेगी। शोधकर्ताओं ने कहा, इससे हम कह सकते हैं कि हमें अब कई हाथ मिल गए हैं। जटिल प्रक्रियाओं को करने के लिए हाथों के कई जोड़े इन संभावनाओं को खोलते हैं, जो पहले नहीं थे। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह तकनीक चिकित्सा क्षेत्र में बहुत उपयोगी साबित होगी।

ज्यादा सुरक्षित है ये प्रणाली
वैज्ञानिकों का कहना है कि ऑप्टिकल चिमटी का इस्तेमाल सावधानी से करने की जरूरत होती है। यह कोशिकाओं के लिए नुकसानदायक हो सकता है। वहीं, ध्वनिक चिमटी से ऐसा कोई खतरा नहीं है। ब्रूस ने कहा, ‘एक साल के अंदर ही इसका इस्तेमाल हो सकेगा। अध्ययन के स्तर पर सारे प्रयोग हो चुके हैं। अल्ट्रासोनिक ध्वनि तरंगों के लचीलेपन से हमें 3डी प्रिंटेड असेंबलिंग या ऊतकों के भीतर स्थिति कोशिकाओं को माइक्रोमीटर स्केल तक पर संचालित करने की अनुमति मिलेगी।’ 


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