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अब तकनीक के जरिए 24 घंटे से अधिक समय तक सहेज कर रखे जा सकेंगे मानव हृदय

वैज्ञानिकों ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई खोज की है। इसके तहत अब किसी के भी ह्दय को 24 घंटे से अधिक समय तक ठीक रखा जा सकेगा।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 06:29 PM (IST)Updated: Sat, 07 Mar 2020 02:36 PM (IST)
अब तकनीक के जरिए 24 घंटे से अधिक समय तक सहेज कर रखे जा सकेंगे मानव हृदय
अब तकनीक के जरिए 24 घंटे से अधिक समय तक सहेज कर रखे जा सकेंगे मानव हृदय

नई दिल्ली। चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में लगे वैज्ञानिकों ने एक नई खोज को अंजाम दिया है। इस नई तकनीक के जरिए वैज्ञानिक किसी मृत व्यक्ति का ह्दय 24 घंटे से अधिक समय तक सहेज कर रख सकेंगे। जिससे ये ह्दय किसी जरूरतमंद को दिया जा सके। डेलीमेल और द सन जैसी साइटों पर इन खबरों को कैरी किया गया है। साथ ही कृत्रिम उपकरणों से सहेजकर रखे गए ह्दय का वीडियो भी जारी किया है। 

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कुछ दिन पहले वैज्ञानिकों ने इस तरह का एक प्रयोग किया था जिसके जरिए वो लोग सूअरों के दिलों को 24 घंटे तक रखने में सक्षम रहे थे। इसके बाद इस खोज की दिशा में और कदम बढ़ाया गया, अब वैज्ञानिकों ने किसी व्यक्ति के ह्दय को कृत्रिम साधनों से 24 घंटे तक रखने में सफलता हासिल की है जिससे ये कहा जा रहा है कि इस खोज के बाद हर उस व्यक्ति को ह्दय उपलब्ध कराया जा सकेगा जिसको 24 घंटे के अंदर ह्दय की जरूरत होगी।

ह्दय प्रत्यर्पण में मिलेगी सफलता 

दरअसल देश में ह्दय प्रत्यर्पण के बहुत सारे मामले पेडिंग पड़े हुए हैं। अकेले ब्रिटेन में 328 लोग ह्दय प्रत्यर्पण की प्रतीक्षा सूची में दर्ज हैं, इनमें 39 बच्चे भी हैं। इनमें से कई को इंतजार करने के लिए मजबूर किया जाता है क्योंकि कोई विकल्प नहीं होता है। कई बार ऐसे लोगों की मौत तक हो जाती है मगर उनको प्रत्यर्पण दिल नहीं मिल पाता है।

आंकड़े बताते हैं कि दान किए गए दिलों के तीन-चौथाई का उपयोग यूके में नहीं किया जा सकता है। यदि लोग दान करते हैं तो उसको तीन से चार घंटे में किसी न किसी को प्रत्यारोपित करना होता है, ये जरूरी नहीं कि इस दौरान ऐसा कोई मिल जाए।

सैन एंटोनियो में टेक्सास स्वास्थ्य विश्वविद्यालय के डॉ. राफेल वेरजा ने इस बारे में अपनी एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने सुअर के दिलों पर अपनी एक रिपोर्ट तैयार कर रखी है उसके बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि 50 साल पहले जब पहला ह्दय प्रत्यारोपित किया गया होगा उस समय उसको बर्फ पर रखकर ले जाया गया होगा।

बढ़ जाएगा पहुंचाने का समय 

वैज्ञानिकों का कहना है कि जो तकनीकी विकसित की जा रही है उससे सुरक्षित रखे गए ह्दय को अगले 24 घंटे के अंदर दुनिया के किसी भी कोने में पहुंचा पाने का समय मिल जाएगा। जिस जगह ह्दय प्रत्यार्पण कराने वाले को जरूरत होगी, ये वहां पहुंच सकेगा। इससे हजारों लोगों की जान बच सकेगी।

वैज्ञानिकों का कहना है कि यूके के दानदाताओं से दिल नहीं लिया जाता है क्योंकि वे अनुपयुक्त हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि किसी अंग को हटाने और इसे प्रत्यारोपण के बीच का समय 'महत्वपूर्ण' होता है।

क्यों किया जाता है हृदय प्रत्यारोपण 

यदि किसी वजह से हृदय में समस्या होती है या किन्हीं कारणों से वो काम करना बंद कर देता है तो इस परिवर्तन की जरूरत पड़ती है। इन दिनों बाजार में कृत्रिम ह्दय मौजूद है, डॉक्टर उसी को लगाते हैं। यदि ये तकनीकी सटीक रही तो डॉक्टर किसी मृत व्यक्ति का ह्दय दूसरे के ह्दय में आसानी से फिट कर पाएंगे और वो अधिक जीवन जी पाएगा।

ये होती है ह्दय में समस्याएं 

कोरोनरी हृदय रोग - हृदय की आपूर्ति करने वाली धमनियों में वसायुक्त पदार्थों का एक निर्माण, जो हृदय में रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध या बाधित करता है।

कार्डियोमायोपैथी - जहां दिल की दीवारें फैली हुई, मोटी या कड़ी हो गई हैं

जन्मजात हृदय रोग - जन्म दोष जो हृदय के सामान्य कामकाज को प्रभावित करते हैं यदि आपका डॉक्टर सोचता है कि आप हृदय प्रत्यारोपण से लाभान्वित हो सकते हैं तो आपको यह जांचने के लिए एक गहन मूल्यांकन की आवश्यकता होगी कि क्या आप प्रतीक्षा सूची में रखे जाने से पहले स्वस्थ हैं। 


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