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हागिया सोफिया को मस्जिद बनाने पर ईयू के मंत्रियों ने तुर्की को लताड़ा

ईयू के विदेश मंत्रियों ने विवादित भूमध्य सागर में तेल की खोज करने हागिया सोफिया को संग्रहालय से मस्जिद बनाने सहित विभिन्न मुद्दों पर तुर्की की सोमवार को कड़ी निंदा की।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 13 Jul 2020 11:29 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2020 11:29 PM (IST)
हागिया सोफिया को मस्जिद बनाने पर ईयू के मंत्रियों ने तुर्की को लताड़ा
हागिया सोफिया को मस्जिद बनाने पर ईयू के मंत्रियों ने तुर्की को लताड़ा

ब्रसेल्स, एपी। यूरोपीय संघ (ईयू) के विदेश मंत्रियों ने विवादित भूमध्य सागर में तेल की खोज करने, हागिया सोफिया को संग्रहालय से मस्जिद बनाने सहित विभिन्न मुद्दों पर तुर्की की सोमवार को कड़ी निंदा की। कई महीनों के बाद पहली बार विदेश मंत्रियों की आमने-सामने हुई बैठक में अंकारा के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की योजना पर चर्चा हुई। हालांकि, तत्काल कोई कदम उठाए जाने की उम्मीद नहीं है।

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ईयू के विदेश मामलों के प्रमुख जोसेप बोररेल ने कहा कि बैठक में 27 देशों के विदेश मंत्रियों ने तुर्की द्वारा हागिया सोफिया को म्यूजियम से मस्जिद बनाने के निर्णय की कड़ी आलोचना की गई। बैठक के बाद बोर्रेल ने कहा कि इस निर्णय से विभिन्न समुदायों के बीच अविश्वास और विघटन बढ़ेगा। हम लोगों के बीच सहयोग और संवाद के प्रयासों को आघात लगेगा। उन्होंने कहा कि तुर्की की सरकार से इस बारे में फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए बहुत से लोग अपील कर रहे हैं।

बता दें कि इस्तांबुल स्थित हैगिया सोफिया का निर्माण 537 ईस्वी में गिरिजाघर के तौर पर किया गया था। पोप और अन्य ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान द्वारा इसे मस्जिद बनाने के लिए उठाए गए कदम पर दुख जताया और निंदा की। ग्रीस की सरकार के प्रवक्ता स्टेलियस पेटसस ने कहा कि यूरोपीय यूनियन एर्दोगन के फैसले को अपने लिए अपमान और चुनौती के रूप में ले रही है।

इस पर तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने कड़ा प्रतिरोध करते हुए हागिया सोफिया को मस्जिद बनाने के बारे में अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप को खारिज कर दिया। उन्होंने तुर्की के सरकारी टीवी चैनल को दिए बयान में कहा कि हमें हैगिया सोफिया की विरासत मस्जिद के रूप में मिली थी, इसलिए हम उसे मस्जिद के तौर पर ही इस्तेमाल करेंगे।

उल्लेखनीय है ईयू के विदेश मामलों के प्रमुख जोसेप बोर्रेल पिछले हफ्ते तुर्की में थे और उन्होंने इस दौरान पूर्वी भूमध्य सागर में तेल खोज के मामले पर तुर्की की यूनान एवं साइप्रस से विवाद पर भी चर्चा की थी। तुर्की ने तेल खनन के कार्य की सुरक्षा के लिए युद्धपोत की तैनाती की है, जबकि साइप्रस का दावा है कि जिस इलाके में तुर्की तेल खोज कर रहा है, वहां पर उसका अधिकार है। तुर्की सरकार ने कहा कि वह साइप्रोट्स इलाके में अपने हितों और संसाधनों की रक्षा के लिए कार्य कर रही है। स्वीडन के विदेश मंत्री एन्न लिंडे ने कहा कि भूमध्य सागर में तुर्की का कदम 27 सदस्यीय संगठन के लिए चिंता का सबब है। बोर्रेल ने कहा कि बैठक में इस मामले में तत्काल कोई फैसला नहीं हुआ लेकिन अगस्त में बर्लिन में होने वाली बैठक में यह मामला फिर उठाया जाएगा।


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