चार हजार साल पुरानी 'टू ब्रदर्स' नाम से मशहूर ममी का रहस्य सुलझा
सौतेले भाई थे ‘टू ब्रदर्स’, डीएनए सीक्वेंसिंग विधि से पता चला दोनों का संबंध, मां एक ही थी, लेकिन पिता अलग-अलग थे।
लंदन (प्रेट्र)। वैज्ञानिकों ने 1800 ईसा पूर्व की ‘टू ब्रदर्स’ नाम से मशहूर ममी का रहस्य सुलझाने में सफलता हासिल कर ली है। पुरातत्वविदों के अनुसार ये दोनों सौतेले भाई थे। दोनों की मां एक ही थी, लेकिन पिता अलग-अलग थे। खानम-नख्त और नख्त-अंख नामक व्यक्तियों की ममी को ब्रिटेन के मैनचेस्टर संग्रहालय में रखा गया है।
यह प्राचीन मिस्र की सबसे पुरानी और मशहूर ममी (मानव अवशेष) में से एक है। 1907 में इनकी खोज के बाद से ही मिस्र के इतिहास की खोज में जुटे पुरातत्वविदों के बीच इनके संबंध को लेकर विवाद था। लंबे समय से बहस छिड़ी हुई थी कि दोनों के बीच कोई संबंध है या नहीं? दोनों को काइरो शहर से 402 किलोमीटर दूर डेर रिफेह गांव में एक ही जगह दफनाया गया था।
स्थानीय लोग इस जगह को ‘दो भाइयों का मकबरा’ कहते थे। उनकी कब्र पर चित्रलिपि में लिखे शिलालेख के अनुसार दोनों किसी स्थानीय गवर्नर के बेटे थे और दोनों की मां का नाम खानुम-आ ही था। तभी से दोनों ममी को दो भाइयों के रूप में पहचान मिली। 1908 में इस मकबरे से दोनों ममी को मैनचेस्टर म्यूजियम लाया गया। दोनों के ताबूतों की बनावट के कारण भी पुरातत्वविदों में मतभेद था कि दोनों भाई हैं या नहीं।
फिर वर्ष 2015 में इनके दांत से लिए गए डीएनए और माइट्रोकांड्रिया व क्रोमोजोम वाय का क्रम निर्धारित कर अध्ययन किया गया। शोध में सामने आया कि दोनों की मां एक ही थी लेकिन पिता अलग थे। पुरातत्वविदों ने पहली बार मिस्र की किसी ममी का रहस्य जानने के लिए नई पीढ़ी के डीएनए सीक्वेंसिंग (अनुकरण) विधि का प्रयोग कर सफलता हासिल की है।
सौतेले भाई थे ‘टू ब्रदर्स’, डीएनए सीक्वेंसिंग विधि से पता चला दोनों का संबंध, मां एक ही थी, लेकिन पिता अलग-अलग थे।
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