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ब्रिटेन की मुख्‍य पार्टियों को स्‍थानीय चुनावों में बड़ा झटका, ब्रेक्जिट को लेकर गतिरोध का बनी शिकार

ब्रिटेन के स्‍थानीय चुनावों में दो प्रमुख पार्टियों को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। लंबे समय से ब्रेक्जिट पर जारी गतिरोध को लेकर मतदाता में हताशा का खामियाजा भुगतना पड़ा है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 04 May 2019 11:57 AM (IST)Updated: Sat, 04 May 2019 12:21 PM (IST)
ब्रिटेन की मुख्‍य पार्टियों को स्‍थानीय चुनावों में बड़ा झटका, ब्रेक्जिट को लेकर गतिरोध का बनी शिकार

लंदन, एएफपी। ब्रिटेन के स्‍थानीय चुनावों में दो प्रमुख पार्टियों को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। प्रधानमंत्री थेरीजा मे द्वारा लंबे समय से ब्रेक्जिट पर जारी गतिरोध को लेकर मतदाता में हताशा का खामियाजा भुगतना पड़ा है।

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थेरीजा मे की कंर्जेवेटिव पार्टी ने कई स्‍थानीय प्राधिकरणों से नियंत्रण खो दिया है और एक हजार से अधिक सीटों का नुकसान सहना पड़ा है। यहां तक कि सबसे निराशाजनक प्रदर्शन के भविष्‍यवाणी से भी खराब प्रदर्शन किया है। यहां तक मुख्‍य विपक्षी लेबर पार्टी ने भी चुनावी मैदान खो दिया है।

गुरुवार को हुए चुनाव में छोटी पार्टियों और निर्दलीयों के ऊपर मतदाताओं ने ज्‍यादा विश्‍वास व्‍यक्‍त किया है। थेरीजा मे ने कहा कि गुरुवार को हुए चुनावों में हमारे और लेबर पार्टी के लिए सरल सा संदेश था: उठो और ब्रेक्जिट पर फैसला करो।  

ब्रिटेन के कड़वे स्‍तर पर विभाजित सांसद यूरोपीय संघ से अलगाव को लेकर समझौते पर सहमत नहीं हो पाए हैं। दोनों मुख्य दलों ने उन गतिरोधों को तोड़ने पर बातचीत की है, जिनमें अब तक बहुत कम परिणाम आए हैं। मे ने वेल्‍श कंजर्वेटिव सम्मेलन में कहा कि यह हमारी पार्टी के लिए एक कठिन समय है और ये चुनाव परिणाम उसी का एक लक्षण हैं। एक प्रश्‍न करने वाले का सामना करने के लिए उसे छोड़ने के लिए कहा। 

ये रिजल्‍ट पीएम थेरीजा मे और लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन पर समझौते को लेकर प्रहार करने और 23 मई को यूरोपीय संसद के चुनाव कराने से बचने के लिए दबाव बढ़ा रहे हैं। वहां उनका सामना निगेल फराज की ब्रेक्जिट पार्टी से होगा, जो गुरुवार को मतदान के दौरान शामिल नहीं थी। जेरेमी कॉर्बिन ने कहा कि वह पार्टी की हार से बहुत ज्‍यादा दुखी हैं। उन्‍होंने कहा कि वार्ता को सफल बनाने के लिए अब "बहुत बड़ी प्रेरणा" होगी। 

टेरीजा मे ने बाद में कहा कि उनकी सरकार और लेबर पार्टी में "रचनात्मक वार्ता" बंद थी। यूरोपीय संघ छोड़ने के लिए जून 2016 में मतदान के बाद ब्रिटेन को इस वर्ष 29 मार्च के बाद आगे बढ़ना था। हालांकि, इसके बाहर निकलने की तारीख पर तकरार के कारण 31 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया है।   

इस चुनावों में टोरी को 1335 सीटों का नुकसान हुआ और लेबर पार्टी को 86 सीटों का, लेकिन वहीं लिबरल डेमोक्रेट को 704 सीटों पर बढ़त हासिल हुई। यह चुनाव 248 अंग्रेजी परिषदों के लिए हुए, जिसमें 11 उत्तरी आयरलैंड के प्राधिकरण भी शामिल थे। इस चुनाव में तगड़ा नुकसान होने के बावजूद कंर्जेवेटिव के पास अभी भी 3,559 सीटें हैं, लेबर पार्टी के पास 2,020 और लिबरल डेमोक्रेट के पास 1,351 सीटें हैं। टोरीजा का अब 93 काउंसिल पर, लेबर पार्टी का 60, लिबरल डेमोक्रेट के पास 18 का नियंत्रण है। जबकि अन्‍य का नियंत्रण 43 से बढ़कर 77 हो गया है।  

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