ईरान ने सीरिया में अपनी मौजूदगी का किया बचाव, अमेरिकी सेना को कहा देश छोड़े
ईरान ने कहा है कि उसने सीरिया के कहने पर वहां पर अपनी सेना भेजी है।
लंदन (रॉयटर्स)। ईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि सीरिया में ईरान की सैन्य मौजूदगी जायज है जो दमिश्क के निमंत्रण के बाद की गई थी। इसके अलावा उन्होंने अमेरिकी सैनिकों को देश छोड़ने को कहा है। बुधवार को ही अमेरिकी विदेश मंत्री टिलरसन ने कहा था कि ईरान को सीरिया से अपनी सेना वापस बुलानी चाहिए जिसके जवाब में ईरान के सर्वोच्च नेता के शीर्ष सहयोगी अली अकबर वेलायटी ने कहा है कि सीरिया में ईरान की सीरिया के निमंत्रण सैन्य बलों को तैनात किया गया था। उन्होंने कहा "उन लोगों को सीरिया छोड़ देना चाहिए जो सीरियाई सरकार की अनुमति के बिना वहां मौजूद हैं।"
पिछले सप्ताह इजरायल ने सीरिया पर हवाई हमला कर मध्यपूर्व में खलबली पैदा कर दी है। इजराइली सेना ने पहली बार सीरिया में बड़े पैमाने पर सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने का दावा भी किया था। अब इस मामले में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चाल आगे बढ़ी है। उन्होंने तय किया है कि या फिर वे सीरिया व ईरान का समर्थन करेंगे या फिर इस क्षेत्र में जोखिम को कम करना होगा।
रूस 2015 से सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद का समर्थन करता आ रहा है। गृह युद्ध के दौरान रूस ने वायु सेना और सैनिकों की मदद सीरिया को मुहैया कराई थी। 17 महीने बाद असद की सेना ने आईएसआईएस को देश से खदेड़ फेंका। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सीरिया की सेना के लिए 200 रूसी अनुबंध सैनिकों की हत्या पिछले हफ्ते अमेरिका और कुर्द सेना द्वारा किे हमले में हुई।