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चुनाव में पार्टी की हार के कारण आयरलैंड के भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ने दिया इस्तीफा

नई सरकार के सत्ता संभालने तक 41 वर्षीय वराडकर कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में काम करते रहेंगे।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 02:05 AM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 02:05 AM (IST)
चुनाव में पार्टी की हार के कारण आयरलैंड के भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ने दिया इस्तीफा
चुनाव में पार्टी की हार के कारण आयरलैंड के भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ने दिया इस्तीफा

लंदन, प्रेट्र। आयरलैंड के भारतीय मूल के प्रधानमंत्री लीओ वराडकर ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। संसदीय चुनाव में बुरी तरह पराजय के बाद प्रधानमंत्री ने यह कदम उठाया है। वराडकर के पिता मुंबई में पैदा हुए थे।

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पार्टी को बहुमत नहीं मिलने के कारण वराडकर को सौंपना पड़ा इस्तीफा

अपना इस्तीफा सौंपने के लिए वराडकर डबलिन में आयरिश राष्ट्रपति मिशेल डी हिग्गिंस के पास पहुंचे। नई सरकार के सत्ता संभालने तक 41 वर्षीय वराडकर कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में काम करते रहेंगे। इस महीने के शुरू में हुए आम चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिल सका।

फाइन गाएल पार्टी को लगा झटका

वराडकर की लिबरल कंजरवेटिव पार्टी फाइन गाएल पार्टी को झटका लगा है। रिपब्लिकन सिन फेइन ने अप्रत्याशित बढ़त हासिल की है। चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलने के बाद गुरुवार को डबलिन में संसद के निचले सदन की बैठक हुई।

संसद दो सप्ताह के लिए निलंबित

संसद को दो सप्ताह के लिए फिर से निलंबित कर दिया गया है। नई सरकार गठन के लिए पार्टियों को प्रयास करने का समय देने के लिए यह कदम उठाया गया है।

वराडकर की पार्टी 160 सदस्यीय सदन में केवल 36 मत मिले

राजनीतिक दल नई सरकार के गठन के प्रयास कर रहे है। वराडकर की पार्टी फाइन गाइल ने उन्हें फिर से नामित किया, लेकिन उन्हें 160 सदस्यीय सदन में केवल 36 मत मिले जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दिया। सिन फीन पार्टी अध्यक्ष मैरी लाउ मैक्डोनल्ड को 45 मत मिले और फियान्ना फाएल के नेता माइकल मार्टिन को 41 मत मिले।

38 साल में आयरलैंड के प्रधानमंत्री बनने वाले सबसे युवा नेता

लीयो वराडकर 38 साल में आयरलैंड के प्रधानमंत्री बनने वाले सबसे युवा नेता हैं। वे आज यूरोप के सबसे बड़े रूढ़िवादी माने जाने वाले देश आयरलैंड में एक उदारवादी चेहरा बनकर उभरे हैं। वराडकर का जन्म 18 जनवरी, 1979 को डबलिन में हुआ था। उनके पिता डॉक्टर थे, जो साठ के दशक में मुंबई से आयरलैंड आए थे। उन्होंने एक आइरिश नर्स मरियम से शादी की थी। यह परिवार सत्तर के दशक में आयरलैंड में बस गया। लीयो अपने परिवार के सबसे छोटे बेटे हैं। वे अपनी निजी यात्रा पर भारत भी आ चुके हैं। परिवार के सभी लोग इस दौरान उनके साथ थे। ग्रामीणों ने उनका जोशीला स्वागत किया। उनकी तुलना फ्रांस के युवा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों व कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से होती है।

भारतीय युवा वराडकर से प्रेरणा ले सकते हैं

भारतीय युवा उनसे प्रेरणा ले सकते हैं। लीयो वराडकर यूं तो पिता की तरह डॉक्टर ही बने, मगर राजनीति में भी उनकी रुचि रही। वे सिर्फ 24 साल की ही उम्र में काउंसलर बन गये थे।

वराडकर राजनीति में आने से पहले चिकित्सा के पेशे में थे

वराडकर राजनीति में आने से पहले चिकित्सा के पेशे में थे। वर्ष 2007 में वे आयरलैंड की संसद के लिए चुने गए। वर्ष 2011 में फाइन गेल पार्टी देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनकर उभरी। वराडकर को ट्रांसपोर्ट, पर्यटन, खेल व स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया। देश में 2017 में हुए आम चुनाव में उनके प्रतिद्वंद्वी और हाउसिंग मिनिस्टर साइमन कोवेनी वराडकर की चुनौती को झेल नहीं पाए। उन्होंने कोवेनी को 60 फीसदी वोट लेकर हराया था।


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