संपत्ति के मुद्दे पर भारतीय बैंकों ने विजय माल्या को ब्रिटेन के हाई कोर्ट में घसीटा
माल्या फिलहाल जमानत पर हैं। कुल 9000 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग से जुड़े प्रत्यर्पण मामले में उसकी अपील हाई कोर्ट में लंबित है।
लंदन, प्रेट्र। भारतीय बैंकों ने संपत्ति घोषित करने को लेकर विजय माल्या को ब्रिटेन के हाई कोर्ट में घसीटा है। कोर्ट में सोमवार को जिन संपत्ति को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई, उसमें दो सुपरयाट (नौका), जंगल क्षेत्र, मूल्यवान अघोषित संपत्ति और पुरानी प्रतिष्ठित कारें, मूल्यवान पेंटिंग और एलटन जॉन (गायक, गीतकार) का एक पियोनो भी है।
बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक की अगुआई में भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के समूह ने दुनिया भर में 9850 करोड़ की संपत्ति के जब्ती आदेश के बीच 63 वर्षीय माल्या से अपनी बकाया राशि वसूलने को लेकर कदम उठा रहा है।
सोमवार को सुनवाई के दौरान बैंकों ने ऐसे महत्वपूर्ण दस्तावेज को सामने लाने की मांग की, जिससे वीएमडीएस ट्रस्ट के मालिकाना ढांचे का खुलासा हो। यह ट्रस्ट माल्या के पिता विट्टल माल्या के नाम पर है। इसके बारे में माल्या का दावा है कि इसमें उनका कोई लाभकारी हित नहीं है।
भारतीय बैंकों की पैरवी कर रहे बैरिस्टर निजेल टोजी ने न्यायाधीश रॉबिन कोल्स से कहा कि भारत और यहां की अदालतों में पूरी कहानी बयां नहीं की गई है। टोजी ने कहा, 'सभी रास्ते वीएमडीएस की ओर जाते हैं, लेकिन मूल सूचना प्राप्त करने में रास्ते में बाधा खड़ी की जा रही है..।' उन्होंने इस दावे से सहमति जताई कि माल्या के हित ट्रस्ट से जुड़े हैं।
जज नोल्स ने संकेत दिया कि सुनवाई पूरी होने के बाद बैंकों के ताजा आवेदन पर फैसला देंगे। बता दें कि माल्या फिलहाल जमानत पर हैं। कुल 9,000 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग से जुड़े प्रत्यर्पण मामले में उसकी अपील हाई कोर्ट में लंबित है, जिस पर फरवरी 2020 में सुनवाई होनी है।