शरीर में आयरन का उच्च स्तर कंट्रोल कर सकता है आपका Cholesterol
अध्ययन के मुताबिक शरीर में पर्याप्त मात्रा में आयरन होने से एनीमिया का खतरा कम हो जाता है बल्कि कोलेस्ट्रोल भी कंट्रोल रहता है।
लंदन, प्रेट्र। यदि आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी है तो पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाने के कारण शरीर कमजोर होने लगता है। इस स्थिति को एनीमिया कहा जाता है। एक अध्ययन के मुताबिक यदि शरीर में पर्याप्त मात्र में आयरन हो तो न सिर्फ एनीमिया का खतरा कम हो जाता है, बल्कि कोलेस्ट्रोल भी कंट्रोल रहता है।
ब्रिटेन में इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि शरीर में आयरन का उच्च स्तर होने से बैक्टीरिया के कारण त्वचा में होने वाले संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। पीएलओएस मेडिसिन में प्रकाशित हुए अध्ययन में बताया गया है कि शरीर में आयरन की मात्र बढ़ने से या कमी होने से लगभग 900 बीमारियां हो सकती हैं।
शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए ब्रिटेन के बायोबैंक से लगभग पांच लाख लोगों का डाटा लेकर उनके स्वास्थ्य में आयरन के प्रभावों की जांच की। शोधकर्ताओं ने कहा कि दुनिया भर में लगभग 1.2 अरब लोग एनीमिया की समस्या के साथ जी रहे हैं। इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के बेबेन बेंयामिन ने कहा कि लोगों में आयरन का स्तर कम या ज्यादा होने के लिए आनुवांशिक कारक अधिक जिम्मेदार होते हैं।
उन्होंने कहा ‘इस अध्ययन के लिए हमने सांख्यिकी विधि का प्रयोग किया। इसे मेंडेलियन रेंडमाइजेशन कहा जाता है जो आयरन के कारण होने वाली बीमारियों के लिए आनुवांशिक प्रभावों का बेहतर अनुमान लगा सकती है। बेंयामिन ने कहा ‘इस दौरान हमने पाया कि यदि शरीर में आयरन की मात्र उच्च स्तर की है तो यह कोलेस्ट्रोल बढ़ने के खतरे को भी कम कर सकता है।’
उन्होंने कहा कि कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल लगभग 2.6 लाख लोगों की स्ट्रोक और हृदय रोगों के कारण मौत होती है। शोधकर्ताओं ने कहा कि शरीर में आयरन का स्तर बढ़ने से बैक्टीरिया के कारण त्वचा में होने वाले संक्रमण (जैसे- सेल्यूलाइटिस और फोड़े) से बचा जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि पिछले अध्ययन में यह पाया गया था कि बैक्टीरिया को जीवित रहने के लिए आयरन की जरूरत होती है। लेकिन इस अध्ययन में हमने पाया कि शरीर में आयरन की मात्र बढ़ने और बैक्टीरिया के बीच एक संबंध है जो उन्हें बढ़ने से रोक देता है। एक अध्ययन के मुताबिक, हर साल लगभग 20 लाख लोग सेल्यूलाइटिस के शिकार होते हैं, जबकि 17 हजार लोगों की इसके कारण मौत हो जाती है।
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