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Climate Change News: सेहत पर भारी पड़ रही ग्लोबल वार्मिंग, खतरे की जद में पूरी आबादी

Climate Change News अमेरिका में गर्मी आग और सूखा की समस्या बढ़ी है। विशेषज्ञों का कहना है कि वहां इस बार गर्मियों में जिस तरह की स्थिति देखी गई उसके पीछे जलवायु परिवर्तन एक बड़ी वजह बनी हुई है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 01:25 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 01:25 PM (IST)
Climate Change News: सेहत पर भारी पड़ रही ग्लोबल वार्मिंग, खतरे की जद में पूरी आबादी
2030 से 2050 के बीच सालाना 2.5 लाख अतिरिक्त मौतें कुपोषण, मलेरिया, डायरिया और लू के कारण होंगी।

लंदन, प्रेट्र। ग्लोबल वार्मिंग ने कई मोर्चे पर लोगों की चिंता बढ़ाई है। हाल में आई रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन के कारण लोगों की सेहत पर पड़ रहे दुष्प्रभाव को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। विज्ञान पत्रिका लैंसेट में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली सेहत से जुड़ी समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं। इनमें गर्मी से होने वाली मौतों, संक्रामक बीमारियों व भुखमरी जैसी समस्याओं का जिक्र किया गया है। इस संबंध में एक रिपोर्ट वैश्विक और दूसरी अमेरिका पर केंद्रित है।

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खतरे की जद में पूरी आबादी : रिपोर्ट को ‘कोड रेड फार ए हेल्दी फ्यूचर’ नाम दिया गया है। इसमें कहा गया है कि बूढ़े और बच्चे दोनों ही जलवायु परिवर्तन की मुश्किलों का शिकार हो रहे हैं। बहुत बड़ी आबादी ऐसे क्षेत्रों में रह रही है, जहां जलवायु परिवर्तन के कारण किसी बीमारी के फैलने की आशंका है। तटीय इलाके बैक्टीरिया पनपने के लिए अनुकूल हो रहे हैं। कई गरीब देशों में 1950 की तुलना में अब मलेरिया का खतरा साल में ज्यादा समय तक रहने लगा है। 

लगातार बढ़ते चले जा रहे हैं खतरे : जलवायु परिवर्तन के कारण स्वच्छ हवा और पानी तक पहुंच मुश्किल हो रही है। बाढ़ और सूखे जैसी स्थितियां भोजन की कमी का भी कारण बन जाती हैं। डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि जलवायु परिवर्तन के कारण 2030 से 2050 के बीच सालाना 2.5 लाख अतिरिक्त मौतें कुपोषण, मलेरिया, डायरिया और लू के कारण होंगी। स्वास्थ्य क्षेत्र में हुए नुकसान की आर्थिक गणना करें तो 2030 तक यह दो से चार अरब डालर सालाना तक होने का अनुमान है।

स्वास्थ्य संकट है जलवायु परिवर्तन : रिपोर्ट के सह-लेखक डा. रेनी सलास ने जलवायु परिवर्तन को स्वास्थ्य संकट की संज्ञा दी है। अध्ययन का हिस्सा नहीं रहे जार्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ के डीन डा. लीन गोल्डमैन ने कहा कि कुछ साल पहले जैसा सोचा गया था, उसकी तुलना में जलवायु परिवर्तन के कारण स्वास्थ्य संकट बहुत तेजी से बढ़ रहा है।


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