ब्रिटेन जाकर बसने वाले भारतीयों की संख्या हुई कम, सबसे ज्यादा वीजा चीनी नागरिकों को
2016 की तुलना में 2017 में ब्रिटेन में प्रवासी भारतीयों की संख्या में 10 फीसद की कमी दर्ज की गई है।
लंदन (प्रेट्र)। ब्रिटेन जाकर बसने वाले भारतीयों की संख्या में कमी आई है। साल 2016 की तुलना में पिछले साल यानी 2017 में ब्रिटेन जाने वाले भारतीय प्रवासियों की संख्या में10 फीसद की कमी दर्ज की गई है। गुरुवार को जारी एक आंकड़े में यह दावा किया गया है।
ब्रिटेन के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (ओएनएस) के आंकड़े दर्शाते हैं कि भारतीय नागरिकों का देश के कुशल प्रवासी बल के रूप में वर्चस्व रहा है। पिछले साल जिन लोगों को स्किल्ड वर्क वीजा जारी हुए हैं, उनमें आधे से अधिक भारतीय हैं। बावजूद इसके 2016 की तुलना में 2017 में ब्रिटेन में प्रवासी भारतीयों की संख्या में 10 फीसद की कमी दर्ज की गई है। हालांकि आंकड़े बताते हैं कि यूरोपीय संघ (ईयू) के बाहर के देशों में भारतीय नागरिक अब भी सबसे बड़े प्रवासी समूह बने हुए हैं। ये आंकड़े ब्रिटेन में छोटे और दीर्घकालिक प्रवासियों के लिए बनाई गई अनिवार्य राष्ट्रीय बीमा संख्या (निनो) के पंजीकरण पर आधारित हैं।
सबसे ज्यादा वीजा चीनी नागरिकों को
आंकड़े के जरिए पता चलता है कि अध्ययन वीजा पर ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई के लिए आने वालों में भी भारतीयों की संख्या अधिक है। पिछले साल अध्ययन संबंधी वीजा में चीन, अमेरिका और भारत की कुल मिलाकर हिस्सेदारी आधे (53 प्रतिशत) से ज्यादा थी। जिसमें सबसे ज्यादा चीनी नागरिकों को 88,456 वीजा दिया गया। यह कुल वीजा का 40 फीसद है। भारतीयों को 14,445 वीजा मिला। बता दें कि पिछले साल भारतीयों को छात्र वीजा मिलने में 28 प्रतिशत का इजाफा हुआ।