Cornavirus effect : ईयू-यूके की अहम व्यापार वार्ता दो सप्ताह के लिए टली, ब्रिटेन सरकार ने की पुष्टि
ब्रिटेन यूरोपीय संघ के साथ ब्रेक्सिट व्यापार वार्ता को दो सप्ताह के लिए रद कर दिया है। इस सप्ताह लंदन में ईयू और यूके ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में वार्ता की योजना बनाई थी।
लंदन, एजेंसी । कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते ब्रिटिश सरकार ने यूरोपीय संघ के साथ ब्रेक्सिट व्यापार वार्ता को टाल दिया है। ब्रिटेन की सरकार ने इसकी पुष्टि की है। सरकार ने कहा कि वह यूरोपीय संघ के साथ ब्रेक्सिट व्यापार वार्ता को दो सप्ताह के लिए रद कर दिया है।
बता दें कि इस सप्ताह लंदन में ईयू और यूके ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए वार्ता की योजना बनाई थी। इसके बाद सरकार के एक बयान में कहा गया है कि कोरोना वायरस के चलते यह वार्ता रद कर दी गई है। बता दें कि ब्रिटेन ने 31 जनवरी को यूरोपीय संघ को छोड़ दिया लेकिन दोनों पक्षों ने 2020 के अंत तक एक स्टैंडस्टिल संक्रमण पर सहमति व्यक्त की, जिससे उन्हें एक नई साझेदारी पर सहमति मिल सके। सरकार ने कहा है कि निकट भविष्य में हम कानूनी प्रक्रिया के तहत इस योजना को साझा करने की उम्मीद करते हैं।
गौरतलब है कि ब्रिटेन ने बता दें कि इस साल 31 जनवरी को ब्रिटेन 28 देशों के यूरोपीय संघ से अलग हो गया था। लेकिन एक साल की ट्रांजिशन अवधि के दौरान वह पहले की तरह ही ईयू के साथ व्यापार करता रहेगा। इस ट्रांजिशन अवधि के खत्म होने के बाद ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के व्यापारिक रिश्तों को लेकर एक तंत्र विकसित करने की कोशिश की जा रही है।
गौरतलब है कि गत माह यूरोपीय संघ ने कहा था कि वह ब्रिटेन के साथ किसी भी कीमत पर ब्रेक्जिट सौदा नहीं करेगा। संघ निष्पक्ष और संतुलित व्यापार समझौता चाहता है। यूरोपीय संघ (ईयू) से ब्रिटेन के अलग होने के बाद किए जाने वाले व्यापार समझौते के प्रारूप पर सहमति के लिए संघ के मंत्रियों की बैठक के बाद ईयू के वार्ताकार माइकल बर्नियर ने कहा था कि हम किसी भी कीमत पर कोई समझौता नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि ईयू बराबरी के स्तर पर तैयार नियमों को ही मानेगा और ब्रिटिश जल क्षेत्र में यूरोपीय संघ के मछुआरों के प्रवेश की व्यवस्था चाहेगा। सोमवार को शुरू हो रही वार्ता के लिए मंत्रियों ने उनके प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि समझौता वार्ता मुश्किल, शायद पहले से भी ज्यादा मुश्किल होगा। बर्नियर की तरफ से तैयार प्रस्ताव में कहा गया था कि अगर ब्रिटेन चाहता है कि यूरोपीय बाजार में उसके सामान को शुल्क मुक्त प्रवेश मिले तो उसे उनके मानकों का पालन करना होगा। लंदन ने इस अवधारण को तत्काल खारिज कर दिया है।