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इलेक्ट्रिक कार और बस के बाद अब उड़ान भरेंगे इलेक्ट्रिक विमान 2030 तक होगी शुरुआत

ब्रिटिश की इजीजेट एयरलाइंस ने इस दिशा में प्रयास शुरू करते हुए कहा है कि 2030 तक छोटे रूट पर इलेक्ट्रिक विमान शुरू कर सकते हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 03 Nov 2018 09:46 AM (IST)Updated: Sat, 03 Nov 2018 09:55 AM (IST)
इलेक्ट्रिक कार और बस के बाद अब उड़ान भरेंगे इलेक्ट्रिक विमान 2030 तक होगी शुरुआत

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। कार्बन उत्सर्जन घटाने में अब इलेक्ट्रिक विमान अहम योगदान दे सकते हैं। इलेक्ट्रिक कार और बाइक के बाद 2030 तक दुनिया को इलेक्ट्रिक विमान के रूप में एक बेहतर विकल्प मिल सकता है। ब्रिटिश की इजीजेट एयरलाइंस ने इस दिशा में प्रयास शुरू करते हुए कहा है कि 2030 तक छोटे रूट पर इलेक्ट्रिक विमान शुरू कर सकते हैं। इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और ध्वनि प्रदूषण भी कम होगा।

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अमेरिकी कंपनी करेगी निर्माण
अमेरिका की व्राइट इलेक्ट्रिक कंपनी इजीजेट एयरलाइंस के लिए इलेक्ट्रिक विमान का निर्माण कर रही है। बैटरी से चलने वाले ये विमान दो घंटे तक ही उड़ सकेंगे। कंपनी इलेक्ट्रिक एयरलाइनर के लिए मोटर पर पेटेंट कराने के लिए आवेदन कर चुकी है। 2016 में शुरू हुई व्राइट इलेक्ट्रिक दो सीटर इलेक्ट्रिक विमान बना चुकी है और 2019 तक नौ सीटर विमान बनाने की तैयारी में है।

लंबी दूरी उड़ान का लक्ष्य
एयरलाइंस भविष्य में इन विमानों का इस्तेमाल लंदन से एम्स्टर्डम जैसे मुख्य रूट पर उड़ान के लिए भी करेगी।

इलेक्ट्रिक विमान का दौर
इजीजेट एयरलाइंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जोहान लुंडग्रेन के मुताबिक आने वाला दौर इलेक्ट्रिक विमानों का ही होगा। ईंधन आधारित विमानों से निर्भरता से खत्म होगी और इलेक्ट्रिक विमान के रूप में बेहतर विकल्प मिलेगा।

घटेगा कार्बन उत्सर्जन
तेजी से बढ़ता वायु प्रदूषण पूरी दुनिया के लिए विकराल समस्या बन चुका है। इससे निजात दिलाने के लिए किए जा रहे प्रयास भी विफल होते नजर आ रहे हैं। इलेक्ट्रिक विमान के जरिए कार्बन उत्सर्जन के अलावा ध्वनि प्रदूषण पर भी नियंत्रण किया जा सकेगा।

लागत होगी कम
व्राइट इलेक्ट्रिक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेफरी एंग्लेर के मुताबिक ईंधन की बढ़ती कीमतें विमान कंपनियों की लागत को कई गुना बढ़ा रही हैं। ऐसे में इलेक्ट्रिक विमान बेहतर विकल्प साबित होंगे।

दुनियाभर में कोशिशें
अमेरिका की बोइंग विमान निर्माता कंपनी जुनुम एयरो हायब्रिड विमान के लिए इलेक्ट्रॉनिक मोटर का इस्तेमाल करेगी। वहीं जर्मनी की सिमंस कंपनी एयरबस एयरलाइंस के विमानों के लिए इलेक्ट्रिक मोटर का निर्माण कर रही है। 


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