ब्रिटिश प्रधानमंत्री पद की दौड़ से बाहर हुए राब ने की बोरिस जॉनसन की तारीफ
30 मत के साथ डोमिनिक राब दौड़ से बाहर हो गए। प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में बने रहने के लिए कम से 33 सांसदों का समर्थन जरूरी था।
लंदन, एएफपी। टेरीजा मे के पद छोड़ने के बाद ब्रिटेन में प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में आगे चल रहे बोरिस जॉनसन को अपने प्रतिद्वंद्वी से तारीफ मिली है। दूसरे दौर के मतदान में बाहर होने के बाद बुधवार को पूर्व ब्रेक्जिट मंत्री डोमिनिक राब ने उनकी प्रशंसा की है। राब ने कहा कि बोरिस इकलौते उम्मीदवार हैं जो तय योजना के अनुरूप 31 अक्टूबर को ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से अलग (ब्रेक्जिट) कर सकते हैं।
कंजर्वेटिव पार्टी के छह नेता प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल थे, जिनके बीच मंगलवार को दूसरे दौर का मतदान हुआ। इसमें पार्टी के सभी 313 सांसदों ने हिस्सा लिया। मतदान में बोरिस जॉनसन को सबसे ज्यादा 126 मत मिले। विदेश सचिव जेरेमी हंट को 46 और पर्यावरण मंत्री माइकल गोव को 41 वोट मिले। 37 वोट के साथ अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री रोरी स्टीवर्ट चौथे स्थान पर रहे।
गृह मंत्री साजिद जाविद पांचवें स्थान पर आए। उन्हें 33 मत मिले। 30 मत के साथ डोमिनिक राब दौड़ से बाहर हो गए, क्योंकि दौड़ में बने रहने के लिए कम से 33 सांसदों का समर्थन जरूरी था। मतदान के नतीजे के बाद बचे पांच उम्मीदवारों ने मंगलवार की शाम एक सार्वजनिक बहस में भी हिस्सा लिया, जिसका सीधा प्रसारण करीब 53 लाख लोगों ने देखा।
बता दें कि अभी मतदान के और दौर चलेंगे। गुरुवार को अंतिम दो उम्मीदवारों का चयन कर लिया जाएगा। इसके बाद अंतिम फैसले के लिए पार्टी के 1,60,000 जमीनी कार्यकर्ताओं से पोस्टल बैलेट मंगाए जाएंगे। विजेता का फैसला 22 जुलाई तक होने की उम्मीद है।
बहस में शामिल भारतवंशी इमाम पर छिड़ा विवाद
प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवारों के लिए बीबीसी की तरफ से आयोजित सार्वजनिक बहस में शामिल भारतवंशी इमाम पर विवाद छिड़ गया है। इमाम अब्दुल्ला पटेल को ब्रिटिश जनता के प्रतिनिधि सदस्यों के पैनल में रखा गया था। उन्होंने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवारों से ब्रिटेन में इस्लाम विरोधी धारणा से निपटने के कदमों को लेकर सवाल पूछा था।
बहस में बोरिस जॉनसन ने अपनी उस टिप्पणी के लिए माफी भी मांगी, जिसमें उन्होंने बुर्का पहने मुस्लिम महिलाओं की तुलना 'लेटर बॉक्स' और 'बैंक लुटेरों' से की थी। हालांकि बुधवार को माहौल इमाम अब्दुल्ला के खिलाफ हो गया। ट्विटर पर उनके कई यहूदी विरोधी ट्वीट सामने आए हैं। उनके चयन को लेकर बीबीसी पर भी सवाल उठ रहा है। हालांकि बीबीसी प्रवक्ता का कहना है कि अगर उसे इमाम के इस तरह के विचारों की जानकारी होती, तो उन्हें पैनल में नहीं चुना जाता।
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