दिमाग के जुड़ी यह गंभीर बीमारी हो सकती है अनुवांशिक
ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने तीन लाख से अधिक लोगों के डीएनए की जांच के आधार पर निकाला निष्कर्ष, अवसाद का कारण होते हैं चिंता, तनाव और उदास मन वाले जीन
लंदन (प्रेट्र)। वैश्विक स्तर पर बिगड़ती दिनचर्या और खानपान अवसाद का बड़ा कारण बन रहा है। वैज्ञानिक भी इस बीमारी की वजहों और उपचार के बेहतर तरीके खोज रहे हैं। इसी कड़ी में वैज्ञानिकों द्वारा किए एक नए अध्ययन में सामने आया है कि अवसाद का संबंध चिंता, तनाव और उदास मन वाले जीन से हो सकता है। यानी कि यह बीमारी आनुवंशिक भी हो सकती है। अभी तक केवल अव्यवस्थित दिनचर्या, आस-पास के माहौल से संबंध रखने वाली बीमारी के संबंध में यह नई खोज वैज्ञानिकों के लिए बड़ी उपलब्धि है। उनका मानना है कि इस खोज की मदद से भविष्य में अवसाद का उपचार तलाशने में मदद मिल सकती है।
इस तरह किया अध्ययन
इस अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने 39 से 73 आयुवर्ग के तीन लाख लोगों के डीएनए का विश्लेषण किया। इसके अलावा इनके व्यवहार की जांच के लिए प्रश्नोत्तरी भरवाई गई। जब इनके व्यवहार और डीएनए का एक साथ विश्लेषण किया गया तो सामने आया कि बहुत से जीन चिंता, अपराध बोध जैसी भावना से संबंध रखते हैं। इन जीन का संबंध अवसाद से भी होता है।
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग के शोधकर्ताओं का कहना है कि पहली बार यह बात प्रकाश में आई है कि अवसाद से ग्रस्त लोगों को यह बीमारी आनुवंशिक रूप से भी मिल सकती है। इस खोज से अवसाद का जल्द पता लगाने के साथ इस बीमारी के उपचार में मदद मिल सकेगी।
यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग की मिशेल लुसियानो के मुताबिक, यह खोज इस बात को समझने में मददगार साबित होगी कि व्यक्ति अवसाद से ग्रस्त कैसे होता है। इसके अलावा ऐसे व्यक्ति को कैसे खुश रखा जा सके और किस तरह इस बीमारी से बाहर लाया जाए यह पता लगाया जा सकेगा। इससे हम इस बीमारी का बेहतर
उपचार खोजने में सक्षम हो सकते हैं।
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