यूरोपीय यूनियन के समर्थन में स्कॉटलैंड में प्रदर्शन, फिर से जनमत संग्रह की मांग, ब्रिटेन को कहा- अलगाववादी
ब्रिटेन के 47 साल बाद यूरोपीय यूनियन (European Union) से अलग होने के एक दिन बाद ही इसके खिलाफ स्कॉटलैंड की राजधानी एडिनबर्ग में लोगों ने ईयू के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया।
लंदन/एडिनबर्ग। ब्रिटेन के 47 साल बाद यूरोपीय यूनियन (European Union) से अलग होने के एक दिन बाद ही इसके खिलाफ आवाज उठने लगी है। स्कॉटलैंड की राजधानी एडिनबर्ग में शनिवार को ईयू के समर्थन में विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने जो बैनर ले रखे थे, उनमें लिखा था कि स्कॉटलैंड के लोग अब भी ईयू को प्यार करते हैं। जून, 2016 में हुए जनमत संग्रह के दौरान स्कॉटलैंड के 62 फीसद लोगों ने यूरोपीय यूनियन के साथ बने रहने के पक्ष में वोट दिया था।
क्षेत्रीय संसद भवन के पास विरोध प्रदर्शन के दौरान स्कॉटलैंड के लोगों ने ब्रिटेन से अलग होने के संदर्भ में फिर जनमत संग्रह कराने की मांग की। उनकी इस मांग पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने कहा, यह मुद्दा 2014 में तभी खत्म हो गया था जब स्कॉटलैंड के 55 फीसद लोगों ने ब्रिटेन से अलग होने की मांग खारिज कर दी थी।
उधर, स्कॉटलैंड सरकार की मुखिया निकोल स्टर्जन ने कहा कि ईयू से अलग होने के बाद की स्थितियां पूरी तरह बदल गई हैं, ऐसे में फिर से जनमत संग्रह कराने में कोई बुराई नहीं है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, वर्तमान परिस्थिति पर मुझे दुख है, लेकिन हम शीघ्र ही ईयू में फिर से शामिल होने जा रहे हैं। स्कॉटलैंड शुरआत से ही ईयू का हिस्सा रहा है। गुरवार को प्रकाशित एक सर्वे में 51 फीसद लोगों ने ब्रिटेन से अलग होने के पक्ष में अपनी राय व्यक्त की है।
इस बीच, ब्रेक्जिट के साथ ही यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने अपनी इमारतों से ब्रिटेन की निशानियों को हटाना शुरू कर दिया है। पहली कड़ी में ब्रसेल्स स्थित यूरोपीय संसद के बाहर से ब्रिटेन का झंडा हटा दिया गया। इसके साथ ही ईयू में ब्रिटेन के कार्यालय का नाम बदलकर ब्रिटिश राजनयिक मिशन कर दिया गया। ब्रिटेन भले ही 31 जनवरी को रात 11 बजे ईयू से अलग हो गया हो, लेकिन पूर्व सहयोगियों के साथ फिर से संबंध बहाल करने के लिए उसके पास 11 महीने का समय है। इस साल के अंत तक ब्रिटेन यूरोप के एकल बाजार और सीमा शुल्क संघ में बना रहेगा।