Coronavirus Updates: मोटे लोगों में कोविड-19 का सबसे अधिक खतरा, जोखिम बढ़ा
ब्रिटेन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अध्ययन से यह निष्कर्ष सामने आया है। पूर्व में किए गए कई अध्ययनों से भी हृदय संबंधी कारकों और कोरोना की गंभीरता के बीच जुड़ाव जाहिर हो चुका है। हालांकि इनसे इस जुड़ाव के कारण और प्रभाव का पता चल नहीं सका।
लंदन, एएनआइ। कोरोना वायरस (कोविड-19) का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इस घातक वायरस से उन लोगों को ज्यादा खतरा है, जो पहले से ही किसी बीमारी से जूझ रहे हैं। अब एक नए अध्ययन में पाया गया है कि मोटापे से पीड़ित लोगों में कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा हो सकता है। ऐसे लोगों में हृदय संबंधी कारकों के चलते कोरोना का जोखिम बढ़ सकता है। ब्रिटेन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अध्ययन से यह निष्कर्ष सामने आया है।
पूर्व में किए गए कई अध्ययनों से भी हृदय संबंधी कारकों और कोरोना की गंभीरता के बीच जुड़ाव जाहिर हो चुका है। हालांकि इन अध्ययनों से इस जुड़ाव के कारण और प्रभाव का पता चल नहीं सका था। साइंस जर्नल फ्रंटियर्स इन जेनेटिक्स में प्रकाशित नए अध्ययन में कोरोना संक्रमण के खतरे के लिहाज से हृदय संबंधी कारकों के प्रभाव को आंका गया।
क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता नाय आंग ने कहा, 'हमारे नतीजों से जाहिर होता है कि मोटापे के मार्कर उच्च बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआइ) और उच्च लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों में कोरोना का खतरा ज्यादा पाया गया है। हालांकि हृदय संबंधी दूसरे कारकों (हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज) से कोरोना का खतरा नहीं पाया गया है।'
अध्ययन के इन नतीजों से मोटापे से पीडि़त लोगों को कोरोना से बचाने में मदद मिल सकती है। पूर्व के अध्ययनों से यह भी जाहिर हो चुका है कि कोविड-19 और मोटापा के बीच गहरा संबंध होता है। ऐसे लोगों को कोरोना असमान रूप से प्रभावित कर रहा है। इनमें जटिलताओं और मौत का जोखिम ज्यादा हो सकता है।