राष्ट्रपति शी चिनफिंग का वैश्विक कद बढ़ाने के लिए चीन में चली जा रही ये चाल
मामला हाल ही में दावोस में आयोजित हुए वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम से जुड़ा है। चीनी राष्ट्रपति का प्रभुत्व जमाने के लिए तमाम हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।
लंदन, एएनआइ। लगता है चीन में भावी वैश्विककरण के मुद्दे पर राष्ट्रपति शी चिनफिंग के विचारों को प्रसारित करने के लिए युद्धस्तर पर प्रोपेगेंडा मशीनें सक्रिय हैं। हाल ही में इसका एक उदाहरण देखने को मिला। सरकारी अखबार चाइना डेली में एक आर्टिकल छपा था, जिसमें दावोस के मेयर के हवाले से कहा गया था कि चीनी राष्ट्रपति ने पिछले साल ही वर्ल्ड इकोनॉमिक फारेम 2018 का एजेंडा तय कर दिया था। मगर यह बात सच से कोसों दूर निकली।
क्यूजेड डॉट कॉम वेबसाइट के अनुसार, चाइना डेली की रिपोर्ट में दावोस मेयर की टिप्पणी बदली हुई और मनगढंत थी। उनके असल बयान को प्रोपेगेंडा में तब्दील कर दिया गया था। मेयर की एक सहयोगी ने वेबसाइट को बताया कि असल में उन्होंने क्या कहा था और इस बात की पुष्टि की कि चाइना डेली में मेयर के हवाले से जो कुछ भी कहा गया था, उन्होंने वो कभी बोला ही नहीं।
यह तय किया गया है कि जो लोग हर साल वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के एजेंडे को निर्धारित करते हैं, वे खुद तय करते हैं कि विषय कैसा होगा और कैसे वे इस पर विस्तार करेंगे। इसकी संभावना है कि वे पूर्व बैठकों से अहम बिंदुओं को ले सकते हैं, जैसा कि उन्होंने चीनी राष्ट्रपति के 2017 के भाषण के साथ किया था। मगर उन्हें किसी थीम में तब्दील करना वो बिल्कुल अनोखा और अलग होता है। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वे सिर्फ किसी एक बिंदु को नहीं उठाते हैं।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब चीनी मीडिया ने उनके बयानों को पूरी तरह से बदल दिया हो या मनगढंत हो। विशेषज्ञों ने खुलासा किया है कि 2015 में चाइना डेली ने न्यूयॉर्कर राइटर पीटर हेस्लर का एक आर्टिकल छापा था, जिसमें उन्हें चीन की राजनीतिक प्रणाली की स्थिरता की प्रशंसा करते हुए बताया गया था। हालांकि हेस्लर ने कहा था कि उन्होंने इस तरह का कोई ओपिनियन पीस लिखा ही नहीं और उन्होंने चीनी अखबार के साथ सिर्फ इंटरव्यू की बात स्वीकार की थी।
आपको बता दें कि हाल ही में स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का आयोजन किया गया था। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी हिस्सा लिया था और एक बार फिर भारत को मजबूती से वैश्विक पटल में रखा था। भारत के लिए यह सम्मेलन कई मामलों में खास और यादगार रहा। सबसे बड़ी बात ये कि दुनिया के तमाम कद्दावर नेताओं और शख्सियतों के मौजूदगी के बीच पीएम मोदी के भाषण से वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के उद्घाटन सत्र की शुरुआत हुई और उन्होंने पूरी दुनिया को बताया कि मौजूदा समय में बिजनेस का मतलब भारत है।