Move to Jagran APP

क्या ओमिक्रोन से बचा सकती है एंटीबाडी, विज्ञानियों ने दी जानकारियां, बूस्‍टर डोज है काफी असरदार

शोध के प्रारंभिक अध्ययन से पता चला है कि मौजूदा इम्यून सिस्टम ओमीक्रोन पर कम असरदार है। ये अध्ययन अभी प्रकाशित नहीं हुआ है और स्वतंत्र रूप से अन्य विज्ञानियों द्वारा औपचारिक रूप से इसकी समीक्षा की जानी है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sun, 12 Dec 2021 04:05 PM (IST)Updated: Mon, 13 Dec 2021 07:24 AM (IST)
क्या ओमिक्रोन से बचा सकती है एंटीबाडी, विज्ञानियों ने दी जानकारियां, बूस्‍टर डोज है काफी असरदार
59 देशों में फैल चुका है ओमिक्रोन वैरिएंट

ब्रिस्टल, पीटीआइ। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के मामले पूरी दुनिया में तेजी से सामने आ रहे हैं। कोरोना का यह नया वैरिएंट अब तक 59 देशों में फैल चुका है। ओमिक्रोन को लेकर नए शोध भी सामने आ रहे हैं। जिस हिसाब से ओमिक्रोन तेजी से फैल रहा है, लोग जानना चाहते हैं कि पूर्ण टीकाकरण के बाद शरीर के अंदर बनी इम्यूनिटी उन्हें संक्रमित होने या गंभीर बीमारी से बचाने के लिए पर्याप्त होगी या नहीं।

loksabha election banner

यदि शरीर के अंदर पहले से बनी इम्यूनिटी पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करती है तो ओमिक्रोन के प्रसार को धीमा करने के लिए टीकाकरण और बूस्टर डोज के साथ एहतियाती उपाय स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों पर दबाव को रोक सकते हैं। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो इसके प्रसार को रोकने के लिए लाकडाउन ही एकमात्र ऐसा उपाय हो सकता है। इस बीच, आशंका जताई जा रही है कि ओमिक्रोन वैरिएंट डेल्टा की जगह ले सकता है।

मौजूदा इम्यून सिस्टम ओमिक्रोन पर कम असरदार

ब्रिटेन के ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के एक शोध के प्रारंभिक अध्ययन से पता चला है कि मौजूदा इम्यून सिस्टम ओमिक्रोन पर कम असरदार है। ये अध्ययन अभी प्रकाशित नहीं हुआ है और स्वतंत्र रूप से अन्य विज्ञानियों द्वारा औपचारिक रूप से इसकी समीक्षा की जानी है। हालांकि, शोध में यह भी बताया गया है कि तीसरी बूस्टर डोज देने से सुरक्षा मिल सकती है।

एंटीबाडी से कुछ हद तक बच सकता है ओमिक्रोन

शोध के शुरुआती रिपोर्ट में सबसे तेजी से मिले आंकड़ों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसमें लोगों के खून में एंटीबाडी की मात्रा है जो वायरस के नए वैरिएंट को निष्क्रिय करने में सक्षम हैं। शोध के इन आंकड़ों से पता चलता है कि ओमिक्रोन कुछ हद तक एंटीबाडी से बच सकता है। डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले कहीं-कहीं यह 10 से 20 गुना या 40 गुना तक अधिक है। इस तरह जिन लोगों ने कोरोना के टीके की दो खुराक ली थी और पूर्व में संक्रमित भी हुए थे, उनमें ओमिक्रोन को बेअसर करने का स्तर अधिक था।

बूस्टर डोज ओमिक्रोन के बेअसर होने में है काफी असरदार

हालिया शोध में से दो में यह भी सुझाया गया है कि कोरोना रोधी टीके की तीसरी बूस्टर डोज व्यापक रूप से फैले डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ एंटीबाडी को बेअसर करने के स्तर को बढ़ाती है और संभवत: यह ओमिक्रोन स्वरूप को भी बेअसर करेगा। इनमें से एक (टीका निर्माता फाइजर की एक प्रेस विज्ञप्ति) से पता चलता है कि एक बूस्टर डोज ओमिक्रोन के बेअसर होने में काफी असरदार हो सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.