ब्रिटेन: आरोपी भारतीय छात्रों के समर्थन में अभियान, धोखाधड़ी का था आरोप
ब्रिटेन स्थित संस्था माइग्रेंट वायस ने ब्रिटेन में गड़बड़ी के आरोपी छात्रों के समर्थन में अभियान शुरू किया है।
लंदन (प्रेट्र)। प्रवासियों के हक के लिए लड़ने वाली ब्रिटेन स्थित संस्था माइग्रेंट वायस ने ब्रिटेन में गड़बड़ी के आरोपी छात्रों के समर्थन में अभियान शुरू किया है। इनमें बड़ी संख्या में भारतीय मूल के छात्र भी हैं। इन लोगों पर आरोप है कि ब्रिटिश सरकार की तरफ से आयोजित अंग्रेजी की परीक्षा में इन लोगों ने धोखाधड़ी की थी।
संस्था की मांग है कि सभी को परीक्षा में दोबारा बैठने का मौका दिया जाए, जिससे उन्हें खुद को निर्दोष साबित करने का मौका मिल सके। संस्था माइग्रेंट वायस का दावा है कि तकरीबन 56 हजार छात्र इस मामले में फंसे हुए हैं। ब्रिटेन के संसद परिसर में यह अभियान चलाया जा रहा है।
ध्यान रहे कि बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि 2014 में टेस्ट ऑफ इंग्लिश फॉर इंटरनेशनल कम्युनिकेशन (टीओईआइसी) की परीक्षा के दौरान छात्रों ने गड़बड़ी की थी। ब्रिटेन के गृह विभाग ने तत्काल रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए जांच की तो पता चला कि 33725 परिणाम अवैध थे तो 22694 संदिग्ध। बाद की श्रेणी के छात्रों को परीक्षा में दोबारा बैठने का अधिकार दे दिया गया था जबकि बाकियों को देश से निकालने की कार्रवाई शुरू की गई।
लेबर पार्टी के सांसद स्टीफेन टिम्मस ने भी माना है कि इन छात्रों का साथ अन्याय हुआ है। उनका कहना है कि जिन साक्ष्यों के आधार पर गृह विभाग ने कार्रवाई की है वह संदेहास्पद है। सात हजार छात्रों को बेवजह फंसाया गया है। इनमें से एक छात्र ऐसा भी है जो परीक्षा में शामिल ही नहीं हुआ था। माइग्रेंट वायस का कहना है कि सरकार ने बेवजह इन छात्रों के भविष्य को अंधकारमय बना दिया है। मेहनत की कमाई से ये सभी अपने भविष्य को संवारने ब्रिटेन आए थे लेकिन एक गलत फैसले से सारे आरोपी बन गए।