ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की हालत में सुधार, कर रहे डॉक्टरों से बातचीत
कोरोना वायरस से संक्रमित ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की हालत सुधर रही है।
लंदन, एजेंसियां। कोरोना वायरस से संक्रमित ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की हालत सुधर रही है। हालांकि वह अभी भी आइसीयू में हैं, लेकिन अब वह बिस्तर पर बैठ पा रहे हैं और चिकित्सा कर्मियों से बातचीत कर रहे हैं। ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने बुधवार को यह जानकारी दी।
सोमवार को थॉमस हॉस्पिटल के आइसीयू में भर्ती करना पड़ा था
दस दिन बाद भी कोरोना के लक्षण दिखाई देने के बाद प्रधानमंत्री जॉनसन को रविवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन हालत में सुधार नहीं होने के कारण सोमवार को उन्हें सेंट थॉमस हॉस्पिटल के आइसीयू में भर्ती करना पड़ा था। जॉनसन की जगह प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभाल रहे विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने बताया कि प्रधानमंत्री जल्द ही स्वस्थ होकर लौटेंगे।
वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय की प्रवक्ता ने कहा कि पीएम की हालत स्थिर है। वह करीबी निगरानी के लिए आइसीयू में रहेंगे। वह बिना किसी सहायता के सांस ले रहे हैं और उन्हें अभी वेंटीलेटर की जरूरत नहीं है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री एडवर्ड अरगर ने भी यहीं बातें दोहराई।
एक दिन में 938 मरीजों की मौत
ब्रिटेन में मंगलवार को कोरोना वायरस के 938 मरीजों की मौत हो गई। इस तरह देश में मृतकों की संख्या बढ़कर 7,097 हो गई है। हालांकि नेशनल हेल्थ सर्विस के मेडिकल डायरेक्टर स्टीफन पॉविस का कहना है कि नए संक्रमित मामलों की संख्या में कमी के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। लेकिन ब्रिटेन के नागरिकों को शारीरिक दूरी का पालन करते रहना होगा क्योंकि अगर ऐसा नहीं किया तो वायरस फिर से फैलना शुरू हो जाएगा।
आज होगी लॉकडाउन की समीक्षा
वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने बताया कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की अनुपस्थिति में डोमिनिक राब गुरुवार को गवर्नमेंट रिस्पांस मीटिंग (कोबरा) की अध्यक्षता करेंगे। इसमें लॉकडाउन के प्रभावों की समीक्षा की जाएगी। यह समीक्षा वैज्ञानिक तथ्यों और आंकड़ों के आधार पर की जाएगी। मालूम हो कि जॉनसन ने 23 मार्च को 21 दिन के शुरुआती सेमी-लॉकडाउन की घोषणा की थी।
हर दिन एक लाख टेस्ट का लक्ष्य
ब्रिटेन ने अप्रैल के आखिर तक हर दिन एक लाख कोरोना वायरस टेस्ट करने का लक्ष्य तय किया है। इस मसले पर धीमी गति से कार्य करने की आलोचना झेलने के बाद ब्रिटिश सरकार ने यह फैसला किया है। इस काम में निजी कंपनियों की मदद भी ली जाएगी।
मंगलवार को ही इंग्लैंड के चीफ मेडिकल ऑफिसर ने इस संदर्भ में जर्मनी से सबक सीखने की बात कही थी। ब्रिटेन के एक अधिकारी ने बुधवार को यह भी कहा कि सरकार 'एंटीबॉडी टेस्ट' किट के पैसे वापस लेने पर विचार कर रही है क्योंकि ये टेस्ट सही साबित नहीं हुए हैं।