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पाकिस्तानी मूल की ब्रिटिश सांसद का आरोप, मुसलमान होने के कारण मंत्री पद से हटाया

ब्रिटेन की एक सांसद ने कहा है कि मुस्लिम होने के कारण उन्हें प्रधानमंत्री बोरिस जानसन की कंजरवेटिव सरकार में मंत्री पद से हटा दिया गया था। संडे टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक उनका धर्म उनके साथियों को असहज बना रहा था।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 07:31 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 07:46 PM (IST)
पाकिस्तानी मूल की ब्रिटिश सांसद का आरोप, मुसलमान होने के कारण मंत्री पद से हटाया
49 वर्षीया नुसरत गनी को फरवरी 2020 में जूनियर परिवहन मंत्री के पद से हाथ धोना पड़ा था।

लंदन, एजेंसी। पाकिस्तानी मूल की ब्रिटिश सांसद नुसरत गनी ने रविवार को आरोप लगाया कि मुसलमान होने के कारण फरवरी, 2020 में कंजरवेटिव पार्टी सरकार ने उन्हें मंत्री पद से हटा दिया था। उधर, पार्टी के मुख्य सचेतक मार्क स्पेंसर ने ट्विटर पर एक बयान में कहा कि गनी के आरोप 'बिल्कुल झूठे' हैं। संडे टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, उनका धर्म उनके साथियों को असहज बना रहा था। कोरोना लाकडाउन में डाउनिंग स्ट्रीट कार्यालय में आयोजित पार्टियों को लेकर विवादों का सामना कर रही जानसन सरकार के लिए ये आरोप संकट को बढ़ाने वाले साबित हो रहे हैं।

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49 वर्षीय गनी को पूर्व प्रधानमंत्री थेरेसा मे की सरकार में वर्ष 2018 में परिवहन विभाग का कनिष्ठ मंत्री नियुक्त किया गया था। फरवरी, 2020 में प्रधानमंत्री बोरिस जानसन सरकार द्वारा मंत्रिमंडल में फेरबदल के दौरान उन्हें मंत्री पद गंवाना प़़डा था। गनी ने 'द संडे टाइम्स' से कहा, 'मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद सचेतकों के साथ बैठक में मैंने पूछा था कि मुझे कैबिनेट से हटाने के पीछे क्या सोच है.. डाउनिंग स्ट्रीट में हुई इस बैठक के दौरान मुझसे कहा गया कि मेरे मुसलमान होने का मुद्दा उठाया गया। मुस्लिम महिला मंत्री से मंत्रिमंडलीय सहयोगी असहज हो रहे थे। इस बात की चिंता रखी गई कि मैं पार्टी के प्रति निष्ठावान नहीं हूं, क्योंकि मैंने इस्लाम से नफरत संबंधी आरोपों के खिलाफ पार्टी के बचाव के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए।'

आरोपों को नकारा

गनी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कंजरवेटिव पार्टी के मुख्य सचेतक स्पेंसर ने कहा, 'यह सुनिश्चित करने के लिए दूसरे सचेतकों को इस मामले में न घसीटा जाए, मैं खुद आगे बढ़कर कहना चाहता हूं कि सांसद गनी ने ये आरोप मुझ पर लगाए हैं। ये आरोप पूरी तरह झूठे और अवमानना के लिए विचार योग्य हैं। यह निराशाजनक है कि जब इस मुद्दे को गनी के समक्ष उठाया गया था, तो उन्होंने इसे कंजरवेटिव पार्टी के पास औपचारिक जांच के लिए भेजने से इन्कार कर दिया था।' प्रधानमंत्री जानसन ने इस्लामोफोबिया के आरोपों की जांच के लिए भारतवंशी एकेडमिक प्रोफेसर स्वर्ण सिंह के नेतृत्व में स्वतंत्र जांच समिति का गठन किया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि पार्टी के भीतर मुस्लिम विरोधी भावना उसके लिए समस्या बनी हुई है।

आरोपों की जांच की उठी आवाज

ईरानी मूल के ब्रिटिश शिक्षा मंत्री ने ट्वीट किया, 'कंजरवेटिव पार्टी में इस्लामोफोबिया या नस्लवाद के लिए कोई जगह नहीं है। आरोपों की जांच होनी चाहिए।' न्याय मंत्री डोमिनिक राब ने आरोपों को अति गंभीर बताया, लेकिन औपचारिक शिकायत होने तक औपचारिक जांच की जरूरत से इन्कार कर दिया।

रिपोर्ट ने जानसन को इस्लाम के बारे में अपनी पिछली टिप्पणियों के कारण किसी भी अपराध के लिए एक योग्य माफी जारी करने के लिए प्रेरित किया, जिसमें एक अखबार का कॉलम भी शामिल है। इसमें उन्होंने बुर्का पहनने वाली महिलाओं को 'लेटरबॉक्स की तरह दिखने वाली' के रूप में संदर्भित किया था।


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