आव्रजन कानून में हुए बदलाव को ब्रिटेन के नेताओं ने बताया 'नेशनल स्कैंडल'
कानून में बदलाव कर यूरोपीय यूनियन के अप्रवासियों के प्रति सरकार के बर्ताव को सदन के नेताओं ने 'नेशनल स्कैंडल' बताया है।
By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 15 Jun 2018 08:38 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jun 2018 08:38 PM (IST)
लंदन, प्रेट्र। ब्रिटेन संसद के उच्च सदन 'हाउस ऑफ लार्ड्स ने आव्रजन कानून में किए गए बदलावों का शिकार हुए भारतीय पेशेवरों का पक्ष लिया है। कानून में बदलाव कर यूरोपीय यूनियन के अप्रवासियों के प्रति सरकार के बर्ताव को सदन के नेताओं ने 'नेशनल स्कैंडल' बताया है।
दरअसल, सरकार ने आतंकियों और दूसरे अपराधों के दोषियों को ध्यान में रखकर आव्रजन कानून में कुछ बदलाव किए हैं। बदले आव्रजन कानून में टैक्स रिटर्न में हुई गड़बड़ी को भी अपराध के तौर पर देखा जा रहा है। अप्रवासियों की इन्हीं समस्याओं से जुड़े मुद्दों पर गुरुवार को उच्च सदन में 'इमिग्रेशन : होस्टाइल इन्वायरन्मेंट' विषय पर चर्चा की गई। इस दौरान सदन में मौजूद नेताओं ने सरकार के इस कदम को गैर कानूनी ठहराया। लार्ड तावेरने ने कहा, 'अप्रवासियों की सिर्फ एक ही गलती है जो करीब पांच लाख ब्रिटिश हर साल करते हैं। उनके टैक्स रिटर्न में हुई गड़बड़ी के लिए उनसे कोई जुर्माना तक नहीं लिया जाता है जबकि सरकार ऐसा करने वाले अप्रवासियों से आतंकियों जैसा बर्ताव करती है।'
हाउस ऑफ लार्ड्स से एक दिन पहले हाउस ऑफ कॉमन्स में भी इसी मुद्दे पर बहस हुई थी। इस दौरान ब्रिटेन के आव्रजन कानून के पैरा 322(5) की वजह से अप्रवासियों को हो रही समस्या का जिक्र किया गया था। पहले टैक्स रिटर्न की गड़बडि़यों को कानून के पैरा 322(1) के तहत सुलझाया जाता था। इसके अनुसार गृह मंत्रालय तय करती थी कि मामला आपराधिक है या नहीं जबकि 322 (5) के तहत लोगों को सीधे अपराधी घोषित कर दिया जा रहा है।
लार्ड्स में हुई बहस के दौरान लार्ड रनबीर सिंह सूरी समेत कई भारतवंशी नेताओं ने भी सरकार की नीति की आलोचना की। सूरी ने कहा, सरकार को समझना चाहिए कि इस नीति का भविष्य में क्या प्रभाव होगा? उन्हें इस बारे में उच्च स्तरीय चर्चा करनी चाहिए।
दरअसल, सरकार ने आतंकियों और दूसरे अपराधों के दोषियों को ध्यान में रखकर आव्रजन कानून में कुछ बदलाव किए हैं। बदले आव्रजन कानून में टैक्स रिटर्न में हुई गड़बड़ी को भी अपराध के तौर पर देखा जा रहा है। अप्रवासियों की इन्हीं समस्याओं से जुड़े मुद्दों पर गुरुवार को उच्च सदन में 'इमिग्रेशन : होस्टाइल इन्वायरन्मेंट' विषय पर चर्चा की गई। इस दौरान सदन में मौजूद नेताओं ने सरकार के इस कदम को गैर कानूनी ठहराया। लार्ड तावेरने ने कहा, 'अप्रवासियों की सिर्फ एक ही गलती है जो करीब पांच लाख ब्रिटिश हर साल करते हैं। उनके टैक्स रिटर्न में हुई गड़बड़ी के लिए उनसे कोई जुर्माना तक नहीं लिया जाता है जबकि सरकार ऐसा करने वाले अप्रवासियों से आतंकियों जैसा बर्ताव करती है।'
हाउस ऑफ लार्ड्स से एक दिन पहले हाउस ऑफ कॉमन्स में भी इसी मुद्दे पर बहस हुई थी। इस दौरान ब्रिटेन के आव्रजन कानून के पैरा 322(5) की वजह से अप्रवासियों को हो रही समस्या का जिक्र किया गया था। पहले टैक्स रिटर्न की गड़बडि़यों को कानून के पैरा 322(1) के तहत सुलझाया जाता था। इसके अनुसार गृह मंत्रालय तय करती थी कि मामला आपराधिक है या नहीं जबकि 322 (5) के तहत लोगों को सीधे अपराधी घोषित कर दिया जा रहा है।
लार्ड्स में हुई बहस के दौरान लार्ड रनबीर सिंह सूरी समेत कई भारतवंशी नेताओं ने भी सरकार की नीति की आलोचना की। सूरी ने कहा, सरकार को समझना चाहिए कि इस नीति का भविष्य में क्या प्रभाव होगा? उन्हें इस बारे में उच्च स्तरीय चर्चा करनी चाहिए।
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