जलियांवाला नरसंहार पर माफी मांग सकती है ब्रिटिश सरकार, उत्पीड़न की होगी निंदा
सौ साल पहले अमृतसर के जलियांवाला बाग में हुए जघन्य नरसंहार पर ब्रिटिश सरकार माफी मांगने पर विचार कर रही है। यह जानकारी ब्रिटिश सरकार की मंत्री ने संसद में दी है।
लंदन, प्रेट्र। सौ साल पहले अमृतसर के जलियांवाला बाग में हुए जघन्य नरसंहार पर ब्रिटिश सरकार माफी मांगने पर विचार कर रही है। यह जानकारी ब्रिटिश सरकार की मंत्री ने संसद में दी है। भारतीय मूल के कई ब्रिटिश सांसदों और जलियांवाला बाग नरसंहार का शताब्दी कार्यक्रम आयोजित कर रही समिति ने ब्रिटिश सरकार से घटना पर माफी मांगने की मांग की है। अप्रैल 1919 की इस घटना में शांतिपूर्ण सभा कर रहे निहत्थे लोगों पर पुलिस ने घेरकर फायरिंग की थी। घटना में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे।
हाउस ऑफ लॉर्ड्स में अमृतसर नरसंहार के सौ साल विषय पर आयोजित चर्चा में मंत्री बैरनेस एनाबेल गोल्डी ने बताया कि घटना का स्मरण कार्यक्रम पूरी गरिमा और सम्मान के साथ मनाया जाएगा। इस मौके पर सरकार उत्पीड़न की निंदा करेगी। लेकिन सरकार के खासतौर पर जलियांवाला बाग की घटना पर माफी मांगने पर फिलहाल विचार किया जा रहा है।
माफी पर ठोस निर्णय न लिए जाने पर गोल्डी ने कहा, वह सरकार की मुश्किल को समझ सकती हैं, क्योंकि इतिहास को दोबारा नहीं लिखा जा सकता और हम बीते समय में लिए गए फैसलों को गलत नहीं ठहरा सकते। गोल्डी हाउस ऑफ लॉर्ड्स में सरकार की सचेतक (ह्विप) भी हैं।
हालांकि गोल्डी ने इस सिलसिले में विदेश मंत्री जर्मी हंट के विदेशी मामलों की समिति के समक्ष अक्टूबर 2018 में दिए गए आश्वासन का जिक्र किया। हंट ने कहा था-जलियांवाला बाग की घटना के लिए सही मौके पर औपचारिक रूप से माफी मांगी जाएगी।
इससे पहले भारतीय मूल के सांसद राज लुंबा और मेघनाद देसाई ने शताब्दी कार्यक्रम वह सही समय होगा जिसमें ब्रिटिश सरकार जलियांवाला बाग नरसंहार के लिए माफी मांगकर लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा कर सकती है। इससे ब्रिटेन में रह रहे दसियों लाख दक्षिण एशियाई लोगों की दशकों की मांग भी पूरी हो जाएगी।