ब्रिटिश एयरफोर्स को मिले पहले सिख और मुस्लिम धर्मगुरु
ब्रिटिश सेना में पहली बार एक मुस्लिम और सिख धर्मगुरु को शामिल किया गया है। यह रायल एयरफोर्स का हिस्सा होंगे।
लंदन, प्रेट्र। ब्रिटिश सेना में पहली बार एक मुस्लिम और सिख धर्मगुरु को शामिल किया गया है। यह रायल एयरफोर्स का हिस्सा होंगे। ब्रिटिश रक्षा मंत्रलय ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। पंजाब में जन्में फ्लाइट लेफ्टिनेंट मंदीप कौर जहां पहले सिख धर्मगुरु होंगे। वहीं, केन्या में जन्में फ्लाइट लेफ्टिनेंट अली उमर पहले मुस्लिम धर्मगुरु होंगे।
ये धर्मगुरु सैनिकों और उनके परिजनों को आध्यात्मिक सहायता उपलब्ध कराने का काम करते हैं। इनकी तैनाती ऑपरेशन के दौरान के साथ ही नौसेना जहाजों में भी की जा सकती है। इतना ही नहीं आवश्यकता पड़ने पर ये धर्मगुरु सीमा पर भी तैनात किए जा सकते हैं। मंत्रालय ने इनकी नियुक्तियां सशस्त्र बलों में विविधता और समावेश को बढ़ाने के उद्देश्य से की है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि मंदीप को इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट करने और इस दिशा में काम करने के दौरान चैपलेन का सदस्य चुना गया।
आरएएफ चैपलेन इन चीफ जॉन एलिस ने कहा, 'सिख और मुस्लिम चैपलेन को रॉयल एयर फोर्स में शामिल करना बेहद खुशी की बात है और मैं भविष्य में उनके साथ काम करने को लेकर अशान्वित हूं।' बता दें कि 'ए फोर्स फॉर इंक्लूजन' नाम की इस रणनीति का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि विविधता और समावेश सभी विभागीय कामों का मुख्य हिस्सा है, जिसमें श्रम बल नीतियां, संस्कृति और व्यवहार शामिल हैं।