ब्रिटेन में छात्र वीजा में मिली सुविधाओं से भारत वंचित, फूटा गुस्सा
ब्रिटेन सरकार ने 25 देशों की नई सूची जारी की, जिन्हें ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए वीजा आवेदन में राहत दी जाएगी। इसमें भारत शामिल नहीं है।
लंदन [प्रेट्र]। ब्रिटेन सरकार ने यहां पढ़ने आने वाले कई देशों के छात्रों को वीजा आवेदन में राहत दी है। सरकार ने 25 देशों की नई सूची जारी की, जिन्हें ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए वीजा आवेदन में राहत दी जाएगी। इस सूची में भारत को शामिल नहीं किया गया है जिसके कारण भारतीय छात्रों ने अपना रोष जताया है।
दरअसल, ब्रिटेन में टियर-4 वर्ग के तहत विदेशी छात्रों को वीजा दिया जाता है। ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को संसद में एक बिल पेश किया। बिल के अनुसार 25 देशों के छात्रों को शैक्षणिक, आर्थिक और अंग्रेजी भाषा में कुशलता जैसी योग्यताओं में राहत देते हुए वीजा जारी किया जाएगा। सूची में अमेरिका, कनाडा और न्यूजीलैंड पहले से ही शामिल थे, इसमें अब चीन, बहरीन और सर्बिया आदि को भी शामिल कर लिया गया है। यह बदलाव छह जुलाई से लागू होगा।
अमेरिका व चीन के बाद ब्रिटेन में सबसे अधिक भारतीय छात्र ही पढ़ने आते हैं। ऐसे में भारत को सूची में शामिल ना करने के कदम को अपमान के तौर पर देखा जा रहा है। कई संगठनों ने इसकी आलोचना की है। कोबरा बियर और यूके इंडिया बिजनेस काउंसिल के संस्थापक बिलिमोरिया ने कहा, भारत उभरता हुआ सुपर पावर है और ब्रिटेन का करीबी भी है। सूची से भारत को अलग रखने से भविष्य में बड़ा नुकसान हो सकता है।
मासिक वीजा कोटा की समीक्षा करेगा ब्रिटेन, पेशेवरों को हो सकता है फायदा
ब्रिटेन सरकार अपनी आव्रजन नीति में बदलाव करने जा रही है जिसमें वीजा कोटा की समीक्षा भी शामिल है। बदलावों के मुताबिक सरकार स्वतंत्र अप्रवासन सलाहकार समिति से शार्टेज ऑक्यूपेशन सूची (जिन पेशेवरों की कमी है) की समीक्षा कराएगी।
बता दें कि पेशेवरों को टियर-2 वर्ग के तहत वीजा जारी किया जाता है। प्रत्येक साल इस वर्ग के अंतर्गत 20,700 जबकि हर महीने केवल 1,600 पेशेवरों को ही वीजा जारी किया जाता है। सरकार इस मासिक वीजा सीमा में रियायत देने पर विचार कर रही है। इससे विशेषकर भारत के आइ-टी पेशेवरों को फायदा मिल सकता है।
शुक्रवार को संसद में सरकार ने यूरोपीय संघ के बाहर के डॉक्टर व नर्स को टियर-2 वीजा वर्ग से अलग करने की घोषणा की। राष्ट्रीय हेल्थ सर्विस इन पेशेवरों की कमी से जूझ रही है इसलिए इन्हें अब अलग से वीजा जारी करने पर विचार किया जाएगा। हालांकि मासिक कोटे से डॉक्टर और नर्स के निकलने से खाली हुई जगह को अन्य प्रमुख पेशेवरों से भरा जाएगा। इसके अतिरिक्त फैशन डिजाइनरों को असाधारण प्रतिभा के वर्ग के तहत वीजा जारी किया जाएगा।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष राशेस शाह ने वीजा नियमों में रियायतों का स्वागत किया है। शाह ने कहा, 'इस कदम से उच्च कुशलता वाले पेशेवरों को ब्रिटेन जाने में आसानी होगी और वहां के उद्योग जगत में प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी।'