भारतीय पेशेवरों को नहीं रहने देने का ब्रिटेन ने किया बचाव
ब्रिटेन सरकार ने भारत समेत अन्य देशों के सैकड़ों प्रशिक्षित पेशेवरों को रहने और काम करने की इजाजत नहीं देने के अपने विवादास्पद फैसले का बचाव किया है।
लंदन [प्रेट्र]। ब्रिटेन सरकार ने भारत समेत अन्य देशों के सैकड़ों प्रशिक्षित पेशेवरों को रहने और काम करने की इजाजत नहीं देने के अपने विवादास्पद फैसले का बचाव किया है। सरकार ने कहा कि इन आवेदकों को गलत आचरण का दोषी पाया गया है।
उच्च योग्यता वाले आव्रजकों के समूह के लंबे प्रचार अभियान के बाद ब्रिटेन के गृह विभाग ने सामान्य वीजा के मामलों की समीक्षा शुरू की है। इनमें भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों के शिक्षक, चिकित्सक, अधिवक्ता और इंजीनियरों के मामले शामिल हैं। इन लोगों को ब्रिटेन के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत अनिश्चित काल तक ब्रिटेन में रहने की छूट (आइएलआर) नहीं दी गई है।
पहले चरण की समीक्षा के बाद ब्रिटेन की आव्रजन मंत्री कैरोलिन नोक्स ने हाउस ऑफ कामंस की प्रभावशाली गृह मामले की प्रवर समिति से कहा कि उनके विभाग द्वारा आव्रजन नियमों के तहत आवेदनों को खारिज करना सही था। यह आमदनी के बारे में गलत जानकारी देने की वजह से था।
लेकिन उन्होंने यह भी माना कि समीक्षा के दौरान 38 मामलों में गृह विभाग के फैसलों को पलट दिया गया और संबंधित लोगों को अपील की अनुमति दी गई। उच्च योग्यता वाले आव्रजकों के समूह ने सरकार के इस फैसले पर निराशा प्रकट की है।