सीरिया में हुए रासायनिक हमले पर कार्रवाई करने को ब्रिटेन सहमत
मंत्रियों ने इस पर सहमति जताई है कि प्रधानमंत्री को इस मामले में अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और फ्रांस जैसे सहयोगियों के साथ काम करना जारी रखना चाहिए।
लंदन (एजेंसी)। ब्रिटिश सरकार ने सीरिया में रासायनिक हथियारों के हमले पर कार्रवाई करने की आवश्यकता पर सहमति जताई है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे के कार्यालय ने कहा है कि कैबिनेट ने मानवतावादी संकट को कम करने और असद शासन द्वारा रासायनिक हथियारों के आगे उपयोग को रोकने के लिए कार्रवाई करने की आवश्यकता पर सहमति जताई है। मंत्रियों ने इस पर सहमति जताई है कि प्रधानमंत्री को इस मामले में अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और फ्रांस जैसे सहयोगियों के साथ काम करना जारी रखना चाहिए।
सीरिया में रूस और पश्चिमी देशों के बीच सैनिक टकराव को लेकर गुरुवार को तेज गहमागहमी रही। वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया पर हमले के समय को लेकर रहस्य बनाए रखा है। गुरुवार सुबह उन्होंने ट्वीट किया कि उन्होंने यह कभी नहीं कहा कि सीरिया पर हमला कब होगा। यह बहुत जल्द हो सकता है या फिर इतनी जल्द नहीं हो सकता।' इसके एक दिन पहले ही उन्होंने ट्वीट किया था कि मिसाइलें आ रही हैं। कथित रासायनिक हमले के बाद सीरिया में तेज सैन्य कार्रवाई के लिए उन्होंने रूस को तैयार रहने के लिए कहा था।
इस बीच ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने सीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई में शामिल होने पर विचार करने के लिए कैबिनेट की बैठक बुलाई। ब्रिटेन के ब्रेक्जिट मंत्री डेविड डेविस ने कहा कि सीरिया में स्थिति बहुत भयावह है। रासायनिक हथियार के इस्तेमाल को रोकना है लेकिन यह बहुत जटिल परिस्थिति है। हमें सावधानीपूर्वक फैसले लेने होंगे। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि जब हमें लगेगा कि सीरिया पर हमले का यह सबसे उपयोगी और प्रभावी समय है, हम इसका फैसला ले लेंगे। उन्होंने कहा कि वह संघर्ष को मध्य पूर्व से बाहर फैलने से रोकने के प्रयास करेंगे।
उधर सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने चेतावनी दी कि पश्चिमी देशों की सैन्य कार्रवाई से क्षेत्र में अस्थिरता और बढ़ेगी। इससे अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा होगा। उन्होंने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई के विदेश नीति सलाहकार अली अकबर विलायती के साथ मुलाकात के बाद यह बात कही।