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पीआरसी के 71 वें राष्ट्रीय दिवस पर लंदन में चीन विरोधी प्रदर्शन आयोजित किया गया

हांगकांग में पुलिस ने चीन के राष्ट्रीय दिवस पर एक अनधिकृत लोकतंत्र-समर्थक प्रदर्शन में भाग लेने के लिए कम से कम 69 लोगों को गिरफ्तार किया और लगभग 20 को COVID-19 सामाजिक संतुलन नियमों के कथित उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया गया। कई प्रदर्शनकारियों ने पुलिस विरोधी नारे लगाए।

By Nitin AroraEdited By: Published: Fri, 02 Oct 2020 03:46 PM (IST)Updated: Fri, 02 Oct 2020 03:46 PM (IST)
पीआरसी के 71 वें राष्ट्रीय दिवस पर लंदन में चीन विरोधी प्रदर्शन आयोजित किया गया
लंदन में चीनी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन।

लंदन, एएनआइ। चीनी सरकार के खिलाफ लंदन में एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था, जो चीन के पीपुल्स रिपब्लिक के 71 वें राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर हांगकांग, शिनजियांग और तिब्बत के लोगों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर आवाज उठा रहे थे। प्रदर्शनकारी अपने साथ हांगकांग, तिब्बत और तुर्किस्तान के झंडे लेकर आए था। प्रदर्शनकारी, जो बड़ी संख्या में थे, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के 'हांगकांग राष्ट्रीय सुरक्षा कानून' को लागू करने और चीनी लोगों के उत्पीड़न का विरोध कर रहे थे। कुछ बैनरों पर लिखा हुआ था, 'फ्री हांगकांग', 'फ्री तिब्बत' और 'चाइना क्लोज द उइगर कैंप्स'।

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इस बीच, हांगकांग, तिब्बती, वियतनामी, मंगोलियाई, ताइवान और अन्य समुदायों के सदस्यों द्वारा टोरंटो में चीनी वाणिज्य दूतावास के बाहर कनाडा में एक विरोध प्रदर्शन किया गया था, जिनकी स्वतंत्रता पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा हमला किया गया है। गुरुवार को इस विरोध प्रदर्शन में भारत के सदस्यों ने भी भाग लिया। 

बता दें कि हांगकांग में, पुलिस ने गुरुवार को चीन के राष्ट्रीय दिवस पर एक 'अनधिकृत' लोकतंत्र-समर्थक प्रदर्शन में भाग लेने के लिए कम से कम 69 लोगों को गिरफ्तार किया और लगभग 20 को COVID-19 सामाजिक संतुलन नियमों के कथित उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया गया। कई प्रदर्शनकारियों ने पुलिस विरोधी नारे लगाए।

नेपाल के उत्तरी इलाके में चीन द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्य के खिलाफ नेपाल छात्र संघ के सदस्यों ने सोमवार को राजधानी काठमांडू में चीनी दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया। कोविड-19 प्रतिबंधों के चलते प्रदर्शनकारियों ने मास्क और फेस शील्ड लगा रखा था। प्रदर्शनकारी हमला जिले में चीनी अधिकारियों द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्यो के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों के हाथों में पोस्टर भी था, जिन पर लिखा था कि चीन ने जिस इलाके का अतिक्रमण किया है, वह नेपाल का हिस्सा है।


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