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स्टीफन हॉकिंग की गैलीलियो थी गजब की समानता, जवानी में थे आलसी

स्टीफन हॉकिंग को आज दुनिया सम्मान की नजर से देखती है। हॉकिंग के जीवन में बहुत कुछ ऐसा था, जिसे आज भी लोग कौतूहल की दृष्टि से देखते हैं।

By Digpal SinghEdited By: Published: Wed, 14 Mar 2018 12:36 PM (IST)Updated: Wed, 14 Mar 2018 02:38 PM (IST)
स्टीफन हॉकिंग की गैलीलियो थी गजब की समानता, जवानी में थे आलसी
स्टीफन हॉकिंग की गैलीलियो थी गजब की समानता, जवानी में थे आलसी

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। महान वैज्ञानिक स्‍टीफन हॉकिंग का 76 वर्ष के उम्र में निधन हो गया है। अंतरिक्ष विज्ञान में हॉकिंग का खासा योगदान है। धरती की उत्पत्ति को लेकर ब्लैक होल और बिग बैंग थ्योरी को समझने में उन्होंने महत्‍वपूर्ण योगदान दिया था। उनके पास 12 मानद डिग्रियां थीं, लेकिन इन डिग्रियों से भी ऊपर उनके पास जो है वह है दुनियाभर का सम्मान। आज दुनिया उन्हें सम्मान की नजर से देखती है। हॉकिंग के जीवन में बहुत कुछ ऐसा था, जिसे आज भी लोग कौतूहल की दृष्टि से देखते हैं।

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हॉकिंग का कहना था कि इतने बड़े ब्रह्मांड में अगर आप सोचते हैं कि सिर्फ धरती पर ही जीवन है तो आप गलत हो सकते हैं। हालांकि अब तक किसी अन्य ग्रह या सुदूर अंतरिक्ष की किसी गैलेक्सी से जीवन के प्रमाण नहीं मिले हैं। लेकिन हॉकिंग की बात को दरकिनार भी नहीं किया जा सकता। उनका यह भी कहना था कि मानव जाति का लंबा भविष्‍य अंतरिक्ष में होना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि यदि अगले 200 साल तक मानव जीवित रहा और अंतरिक्ष में रहना सीख लिया तो भी हमारा भविष्‍य उज्‍जवल होगा।

गैलीलियो और हॉकिंग

हॉकिंग का जन्‍म इंग्‍लैंड के ऑक्‍सफोर्ड में 8 जनवरी 1942 को हुआ था। इसे अद्भुत संयोग ही कहा जाएगा कि इससे ठीक 300 साल पहले यानी 8 जनवरी 1642 को महान अंतरिक्ष वैज्ञानिक गैलीलियो का निधन हुआ था। गैलीलियो का निधन जहां 77 साल की उम्र में हुआ था, वहीं हॉकिंग ने 76 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा। यही नहीं जिस कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में गैलीलियो लूकैसियन प्रॉफेसर ऑफ मैथमैटिक्स थे, उसी कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में हॉकिंग भी इसी पद पर नियुक्त हुए। महान गणितज्ञ सर आईजक न्यूटन भी इस पद पर रह चुके हैं।

जब जैगुआर के विज्ञापन में दिखे हॉकिंग

साल 2016 में हॉकिंग जैगुआर ब्रांड की एक कार के टीवी विज्ञापन में भी दिखे थे। इसके अलावा स्‍टीफन हॉकिंग टीवी सीरीज और फिल्मों में भी छाए रहे। उन्होंने 'स्टार ट्रेक: द नेक्स्ट जेनेरेशन (1987)' में काम किया। इसमें उन्होंने खुद की ही भूमिका निभायी थी। 1989 के 'द सिंपसन्स सीरीज' में भी हॉकिंग ने काम किया था। 1999 में उन्होंने 'फ्यूचर्मा' और 2007 में 'द बिग बैंग थियोरी' में भी काम किया।

हॉकिंग पर बनी फिल्म

हॉकिंग के जीवन पर साल 2014 में फिल्म बनी जिसका नाम 'द थियोरी ऑफ एवरीथिंग' था। इस फिल्म में जिस एडी रेडमैन ने हॉकिंग का किरदार निभाया था, उनका जन्मदिन हॉकिंग के दो दिन बाद यानी 6 जनवरी को आता है। जब रेडमैन ने यह बात बताते हुए कहा कि हम दोनों की राशि मकर है तो हॉकिंग ने उत्तर दिया- मैं एस्ट्रोनॉमर हूं, एस्ट्रोलॉजिस्ट नहीं।

आलसी थे हॉकिंग

हॉकिंग का मानना था कि वह अपनी जवानी के दिनों में कुछ आलसी थे। उन्होंने पाया कि ऑक्सफोर्ड में अपने चार साल के दौरान उन्होंने सिर्फ 1000 घंटे ही काम किया। इस तरह से प्रतिदिन उन्होंने सिर्फ डेढ़ घंटे ही काम किया। इसकी वजह से उन्हें अपने अध्यापकों के गुस्से का भी शिकार होना पड़ता था। लेकिन चार साल का वक्त बीतने के बाद डीन उनके काम की गुणवत्ता को देखकर अंदाजा नहीं लगा पा रहे थे कि वह फर्स्ट क्लास डिग्री के हकदार हैं या सेकंड क्लास डिग्री के। हॉकिंग कहते हैं यहां फर्स्ट क्लास डिग्री का मतलब था कि वह कैंब्रिज यूनिवर्सिटी जाएंगे और सेकंड क्लास डिग्री मिलने पर उन्हें ऑक्सफोर्ड में ही अपना ग्रैजुएट वर्क पूरा करना पड़ता। डीन ने उन्हें फर्स्ट क्लास डिग्री दी।


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