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ब्रेक्जिट पर ईयू से समझौते का खाका तैयार! 31 को यूरोपीय यूनियन से ब्रिटेन का अलग होना तय

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने कहा है कि 31 अक्टूबर को अलगाव (ब्रेक्जिट) उनकी सरकार की प्राथमिकता है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 01:34 AM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 01:34 AM (IST)
ब्रेक्जिट पर ईयू से समझौते का खाका तैयार! 31 को यूरोपीय यूनियन से ब्रिटेन का अलग होना तय

लंदन, रायटर। यूरोपीय यूनियन (ईयू) से ब्रिटेन के अलगाव (ब्रेक्जिट) के लिहाज से चालू सप्ताह ऐतिहासिक महत्व वाला होगा। सोमवार को ईयू के वार्ताकारों ने संकेत दिया कि ब्रिटेन से कुछ सहूलियतों की अपेक्षा है लेकिन समझौते का खाका काफी हद तक तैयार हो गया है। गुरुवार और शुक्रवार को होने वाली ईयू समिट में समझौते पर मुहर लग सकती है और 31 अक्टूबर को व्यवस्थित तरीके से ब्रेक्जिट का रास्ता साफ हो सकता है। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने भी ब्रेक्जिट को लेकर सरकार की प्राथमिकता घोषित कर दी है।

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31 अक्टूबर को यूरोपीय यूनियन से ब्रिटेन का अलग होना तय

कुछ अप्रत्याशित नहीं हुआ तो 31 अक्टूबर को यूरोपीय यूनियन से ब्रिटेन का अलग होना तय है। संसद की अपेक्षा के अनुरूप सरकार ईयू से समझौते की राह पर आगे बढ़ती दिखाई दे रही है। आयरलैंड ने भी समझौते के बिंदुओं पर सहमति जाहिर की है। ईयू ब्रिटेन से कुछ राहत चाहता है लेकिन उन्हें सार्वजनिक नहीं किया गया है। लेकिन यह अपेक्षा ऐसी नहीं है कि ब्रेक्जिट में कोई रुकावट पैदा हो।

समझौता नहीं हुआ तो 31 अक्टूबर को बिना शर्त अलगाव होगा

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने वार्ता के इस दौर में भी बिना शर्त ब्रेक्जिट की आशंका को दरकिनार नहीं किया है। कहा है कि समझौता संभव नहीं हुआ तो 31 अक्टूबर को बिना शर्त अलगाव होगा। तब वह संसद के बिना शर्त ब्रेक्जिट पर रोक के कानून की भी परवाह नहीं करेंगे। महारानी एलिजाबेथ सरकार की इस मंशा पर उसके साथ खड़ी दिखाई दे रही हैं। महारानी ने कहा है कि 31 अक्टूबर को ब्रेक्जिट उनकी सरकार की प्राथमिकता है।

ब्रेक्जिट की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद

तीन साल से ज्यादा की वार्ता के बाद जो हालात पैदा हुए हैं उनमें लग रहा है कि ब्रेक्जिट की प्रक्रिया अब पूरी हो जाएगी। इसी के मद्देनजर रविवार को संसद का विशेष सत्र आहूत किया गया है। माना जा रहा है कि ईयू के साथ होने वाले समझौते को स्वीकृति के लिए संसद में रखा जाएगा। 1982 में हुए फाकलैंड युद्ध के बाद यह पहला मौका होगा जब ब्रिटेन में संसद का विशेष सत्र आहूत किया गया है।


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