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61 साल के बाद एक महिला ने मां को खोज निकाला, बताया खुद को दुनिया का खुशनसीब शख्‍स

डब्लिन के एक अनाथालय में पली बढ़ी एक आयरिश पेंशनभोगी ने मां की खोज के लिए स्‍कॉटलैंड की यात्रा की।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 11 May 2019 12:48 PM (IST)Updated: Sat, 11 May 2019 12:48 PM (IST)
61 साल के बाद एक महिला ने मां को खोज निकाला, बताया खुद को दुनिया का खुशनसीब शख्‍स
61 साल के बाद एक महिला ने मां को खोज निकाला, बताया खुद को दुनिया का खुशनसीब शख्‍स

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। बच्‍चे के लिए मां का प्‍यार दुनिया की सबसे बड़ी खुशी होती है। आयरलैंड में एक 82 वर्षीय महिला ने अपनी 103 साल की मां को 61 साल की मे‍हनत के बाद खोज निकाला। डब्लिन के एक अनाथालय में पली बढ़ी एक आयरिश पेंशनभोगी ने मां की खोज के लिए स्‍कॉटलैंड की यात्रा की। एक वंशावली विशेषज्ञ ने छह दशक की खोज के बाद उसकी मां के बारे में जानकारी दी। मां से मिलने के बाद उन्‍होंने कहा कि अब मैं दुनिया की सबसे खुशनसीब शख्‍स हूं। अब मुझे कोई अनाथ नहीं कहेगा। 

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बिन ब्‍हाही मां ने अनाथालय में छोड़ दिया था
81 साल की एलीन मैकेन डब्‍लिन के बेथानी अनाथालय में पली-बढ़ीं। वह जन्म देने वाली मां के बारे में कुछ नहीं जानती हैं, जिन्होंने उसे एक बच्चे के रूप में गोद लेने के लिए अनाथालय में छोड़ दिया था। मैकेन ने बताया कि एक बार मैंने इस बारे में सुना था तो मुझे लगा कि उसे देखने की कोशिश करने से कुछ नहीं होगा। जब वह 19 वर्ष की थी तो डेम जूडी डेंच के अभिनय से लैस ऑस्‍कर नामांकित फिल्‍म फिलोमेना में दिल को छू लेने वाली अनुभूति को महसूस किया था। सौ वर्षीय मां को गले लगाने और बांहों में भरने के बाद मैकेन ने कहा कि आपको पता नहीं है कि यह मेरे लिए क्‍या है। मैं तो बहुत खुश हूं।

उनकी मां एलिजाबेथ जब 22 साल की थीं, तब उन्होंने अगस्त 1937 में डब्‍लिन में एक डॉक्टर की सर्जरी के जरिये एलीन को जन्म दिया था। उन दिनों विवाह के बाद जन्म लेने वाले शिशुओं को ही आम तौर पर अपनाया जाता था। ऐसा नहीं होने के कारण एलिजाबेथ ने आयरलैंड की राजधानी के बेथानी होम में बेबी एलीन को सौंप दिया था। पांच महीने की उम्र में वह चर्च ऑफ आयरलैंड के अनाथघर में चली गई, जहां वह 17 साल रही।

परिवार के साथ गर्इ थी मां से मिलने 
11 अप्रैल को मैकेन ने 82 वर्षीय पति जॉर्ज और उनकी एक बेटी के साथ आयरलैंड से उड़ान भरी। एलिजाबेथ अप्रैल में 104 वर्ष की हो रही थीं। इस यात्रा के लिए उन्‍हें कोई निमंत्रण नहीं मिला था। उनका परिवार बिन बुलाई यात्रा को लेकर चिंतित था, लेकिन मैकेन अपनी जन्म देने वाली मां से मिलने के लिए दृढ़ थीं। वह इस बात के लिए हैरान थीं कि वह अभी भी जीवित हैं। उन्‍होंने कहा कि कि मैं उन्‍हें देखने गई थी। वह विश्‍व की सबसे खूबसूरत महिला है। उनका बहुत प्यारा परिवार है।

उन्होंने मेरा जोरदार तरीके से स्वागत किया। मैकेन ने कहा कि हम घर के अंदर गए। ईमानदारी से कहूं तो मुझे जो मिला है, उसे मैं स्‍वीकार नहीं कर पा रही थी। इस बारे में सोच रही थी। लेकिन उन्होंने मुझे स्वीकार किया और मैंने मां के साथ शानदार बातचीत की। उन्‍होंने कहा कि मुझे पता है कि वह मेरी मां है। मैंने उन्‍हें इस बारे में बताया कि तुम्हें पता है कि मैं तुम्हारी बेटी हूं। उन्‍होंने मेरी तरफ देखा और मेरा हाथ थाम लिया, हमने बहुत अच्छी तरीके से बातचीत की। हम दोनों के बीच शानदार बांडिंग थी।

19 साल का होने के बाद से शुरू कर दी थी मां की खोज
जब मैकेन 19 साल की थी तब से अपनी मां एलिजाबेथ को खोजना शुरू किया। तब से उन्‍होंने कभी भी उन्‍हें पाने की उम्‍मीद नहीं छोड़ी। वह आयरलैंड के जिस अनाथालय में रह रही थी वह सबसे पुराने अनाथालय में से एक था। डब्‍लिन के पेरीस्टोन से मैकेन ने तीन दिवसीय यात्रा में यह भी पाया कि उनके दो सौतेले भाई हैं।

जब उसने दरवाजा खटखटाया, तो उसकी मुलाकात एक ऐसे व्यक्ति से हुई, जो उसका सौतेला भाई था। मैकेन ने उससे कहा कि मैं आयरलैंड से आई हूं। मेरी मां यहां रहती है। क्या हम उसे देखने आ सकते हैं। उसने कहा-निश्चित रूप से। अंदर जाने पर मैंने देखा कि मेरी मां अखबार पढ़ रही थी। मां ने जब मुझे देखा तो मैंने कहा कि हम आयरलैंड हैं तो मां ने कहा कि मैं भी आयरलैंड में पैदा हुई थी। मेरे जाने पर मां रोमांचित थी। उसने कभी मेरे हाथ को नहीं छोड़ा। मुझे नहीं लगा कि मैं कभी बाहर जा पाऊंगी। मैकेन ने तीन दिवसीय यात्रा को अद्भुत खुशी के रूप में बताया जिसकी उम्‍मीद उन्‍होंने कभी नहीं की थी। मैकेन के खुद के बच्‍चे 54 वर्षीय हेजल, 48 वर्षीय ग्राहम और 44 वर्षीय ओलवेन हैं।

पहाड़ पर जाकर जोर-जोर से चिल्‍लाना चाहती हूं
उन्‍होंने अपने बच्चों से कहा कि मैं पूरे जीवन इस महिला से प्यार करती रही। मुझे नहीं पता कि वह कौन है लेकिन अब मैं बहुत खुश हूं। उन्‍होंने कहा कि वहां से लौटने के बाद मैंने अपने घर में कुछ भी कोई काम नहीं किया। मैं बहुत खुश हूं। मैं बहुत पूरे घर में दिन भर गीत गाती रही। आप नहीं सोच सकते कि यह मेरे लिए क्‍या है। मैं बहुत खुश हूं। मैकेन ने कहा कि वह अपनी मां को पाने के लिए उत्साहित थी। मैं एक बड़े पहाड़ पर जाना चाहती थी। वहां जोर-जोर से चिल्‍ला कर लोगों को बताना चाहती थी।

अब मैं अनाथ नहीं हूं
उन्‍होंने कहा कि मुझे विश्‍वास नहीं हो रहा था कि मेरी मां जिंदा है। उन्‍होंने पृथ्‍वी का सबसे खुशनसीब मनुष्‍य बताया। मैकेन ने पहली बार अपनी मां की शानदार आवाज फोन पर सुनी थी। उसके बाद वह उससे मिलना चाहती थी। अब वह अनाथ नहीं होने से अभिभूत थीं। डब्‍लिन में बेथानी शिशु गृह को प्रोटेस्टेंट पादरी द्वारा चलाया जाता है। आयरिश सरकार ने खोज करने के लिए जांच आयोग का गठन किया था। ये अनाथालय ऐसी संस्‍थाएं हैं जो बिना विवाह किए महिलाएं गर्भवती होकर बच्‍चों को जन्‍म को देती हैं। यहां बच्‍चों को अपना कर उनका पालन पोषण किया जाता है।  

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