रुस ने की अमेरिकी नीति की आलोचना, कहा- 'आतंकवाद के नाम पर खेल रहा राजनीतिक गेम'
अफगानिस्तान में अमेरिका की नई नीति से शांति व्यवस्था बनने का कोई आसार नजर नहीं आता है। लावरोव ने इसे एक फेल नीति (डेड एंड) कहा।
मॉस्को (एजेंसी)। रूस ने सीरिया पर अमेरिकी नीति की जमकर आलोचना की है। रुस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने सीरिया पर अमेरिकी नीति को भड़काउ कहा। लोवरोव ने कहा है कि अमेरिकी नीति सीरिया के आफरीन में युद्ध और संघर्ष को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने आगे कहा कि तुर्की और कुर्दिश सेना के बीच हालिया घटनाएं अमेरिका की भड़काउ नीति के कारण हुई है। लावरोव ने ये बातें पाकिस्तानी विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ के साथ मॉस्को में आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में कहीं। आपको बता दें कि पाक विदेश मंत्री वर्तमान में रुस के दौरे पर हैं।
'आतंकवाद के नाम पर राजनीतिक गेम'
रुसी विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले कई महीनों से अमेरिका आतंकवाद के नाम राजनीतिक खेल खेलने में व्यस्त है। आगे कहा कि सीरिया में अमेरिकी नीति पर शुरु से ही सवाल उठाए जा रहे हैं। लावरोव ने कहा, हालांकि आफरीन क्षेत्रों में विकास कार्य को बढ़ावा दिया जा रहा है लेकिन हाल में अमेरिका की इन क्षेत्रों पर भड़काउ नीति को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। बीएसएफ निर्माण की अमेरिका की घोषणा के बाद तुर्की ने सीरिया पर नियंत्रण रखने के लिए कुर्दिश पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट के विरोध में ऑपरेशन ऑलिव ब्रांच लांच किया।
'अफगानिस्तान में IS की उपस्थिति से अमेरिका अनभिज्ञ'
अमेरिका नीति की आलोचना करने में लावरोव यहीं नहीं रुके। उन्होंने अफगानिस्तान में आईएस आतंकी समूह की उपस्थिति पर वाशिंगटन के अस्पष्ट रुख की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, आंकड़ों के अनुसार, उत्तरी और पूर्वी अफगानिस्तान में आईएस की बड़ी उपस्थिति देखी गई है। लावरोव ने कहा कि उनकी संख्या हजार के पार है। कहा कि अमेरिका और नाटो सेना जो अफगानिस्तान में तैनात है वो इस बात से अनभिज्ञ हैं।
'अमेरिकी सैन्य अभियान के दौरान ड्रग्स व्यापार बढ़ा'
लावरोव ने आगे कहा कि अफगानिस्तान में आज भी आतंकवाद के कारण सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। अमेरिका पर बड़ा आरोप लगाते हुए ये भी कहा कि नाटो और अमेरिकी सैन्य अभियान के दौरान अफगानिस्तान में ड्रग्स उत्पादन और ड्रग्स का व्यापार बड़े पैमाने पर बढ़ा है।
'अमेरिका की नीति फेल साबित'
अफगानिस्तान में अमेरिका की नई नीति से शांति व्यवस्था बनने का कोई आसार नजर नहीं आता है। लावरोव ने इसे एक फेल नीति (डेड एंड) कहा। लावरोव ने कहा कि मॉस्को अफगानिस्तान में एक नई नीति लांच करना चाहता है जो अफगानियों का नेतृत्व कर सके साथ ही क्षेत्रीय विकास में जो अहम भूमिका निभाए। कहा कि, अफगानिस्तान में हालात आज जस के तस हैं। एक संयुक्त राष्ट्र की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि नाटो समर्थित अफगान सुरक्षा बल और आतंकी संगठनों के बीच हुए युद्ध में हजारों नागरिकों की मौत हो चुकी है।